कटिहार रेलवे स्टेशन पर रात में साथ सोते हैं कुत्ते व यात्री
कटिहार : कटिहार रेलवे स्टेशन कोसी क्षेत्र का सबसे बड़ा स्टेशन है, जहां से रोजाना दर्जनों की संख्या में ट्रेनों का परिचालन होता है. जो छोटे से बड़े शहरों को देश के विभिन्न जगहों से जोड़ता है. इससे रोजाना सैकड़ों की संख्या में रेल यात्री आते हैं और ट्रेनों के इंतजार में प्लेटफॉर्म और स्टेशन […]
कटिहार : कटिहार रेलवे स्टेशन कोसी क्षेत्र का सबसे बड़ा स्टेशन है, जहां से रोजाना दर्जनों की संख्या में ट्रेनों का परिचालन होता है. जो छोटे से बड़े शहरों को देश के विभिन्न जगहों से जोड़ता है. इससे रोजाना सैकड़ों की संख्या में रेल यात्री आते हैं और ट्रेनों के इंतजार में प्लेटफॉर्म और स्टेशन परिसर में अपना समय व्यतीत करते हैं जो यात्री कटिहार से कोसों दूर से आते हैं व जिनकी ट्रेन काफी सुबह या मध्य रात्रि की होती है, वे रात का समय प्लेटफॉर्म एवं स्टेशन परिसर में अखबार के पन्नों, प्लास्टिक व चादरों को बिछा कर आराम करते है. इसी बीच आधा दर्जन से अधिक कुत्ते स्टेशन परिसर में घूमने से सोये हुए यात्री परेशान रहते हैं.
नहीं है रेल यात्री विश्राम घर : कटिहार रेल डिवीजन पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे का सबसे बड़ा डिवीजन होने के बावजूद भी रेल यात्रियों के लिए विश्राम घर नहीं है. इससे रेल यात्री घंटों ट्रेनों के इंतजार में स्टेशन परिसर व प्लेटफॉर्म को ही अपना आशियाना बना लेते है.
गौरतलब है कि कटिहार स्टेशन में रेल यात्री विश्राम घर नहीं होने की वजह से कटिहार से दूर आने वाले गरीब रेल यात्री अपना समय बिताने के लिए स्टेशन परिसर में ही रह जाते है. क्योंकि उनके पास उतना पैसा नहीं होता है कि वे लोग होटलों का खरचा वहन कर सकें. रेल यात्रि रात में भी आराम करने के लिए प्लेटफॉर्म के साथ साथ स्टेशन परिसर के विभिन्न जगहों का उपयोग करते हैं.
स्टेशन परिसर में रहता है कुत्तों का आतंक : दूर-दराज से आने वाले रेल यात्री स्टेशन परिसर में ही ट्रेनों के इंतजार में अपना समय बिताते हैं. लेकिन रात के समय में आधा दर्जन से अधिक आवारा कुत्ते का स्टेशन परिसर में भटकने से सोये रेल यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गौरतलब है कि ये कुत्ते रात में स्टेशन परिसर में चारों ओर बेरोक-टोक घूमते रहते हैं, जिससे सोये रेल यात्रियों में हमेशा भय कायम रहता है.
रेल प्रशासन उदासीन : जहां रेल प्रशासन की ओर से कटिहार स्टेशन परिसर को स्वच्छ और सुंदर बनाने में जुटा है, वहीं दूसरी ओर इसको बरकरार रखने में हर मोड़ पर विफल हो रहा है. स्टेशन परिसर में कूड़े दान की व्यवस्था नहीं होने की वजह से लोग बिस्कुट व अन्य खाद्य पदार्थों के कूड़े को यत्र-तत्र फेंकने को विवश हो जाते हैं. रात के समय आवारा कुत्ते के स्टेशन परिसर में प्रवेश को रोकने के लिए कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गयी है. ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी बस किसी एक जगह बैठ कर किसी तरह अपना समय व्यतीत करते हैं.