रेलकर्मियों के लिए 3000 हजार, आम लोगों से 50000 हजार शुल्क, यह कैसा फरमान

कटिहार : शहर के गौशाला स्थित ईको पार्क में रेल प्रशासन अपनी पूरी ताकत लगा कर इसके रख रखाव में कोई कमी नहीं रख रखा है. रोजाना इसके रख रखाव में हजारों रुपये खर्च किये जा रहे है. लेकिन कटिहार वासी इस मैदान का उपयोग नहीं कर पा रहे है. गौरतलब है कि इको पार्क […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 20, 2017 1:54 AM

कटिहार : शहर के गौशाला स्थित ईको पार्क में रेल प्रशासन अपनी पूरी ताकत लगा कर इसके रख रखाव में कोई कमी नहीं रख रखा है. रोजाना इसके रख रखाव में हजारों रुपये खर्च किये जा रहे है. लेकिन कटिहार वासी इस मैदान का उपयोग नहीं कर पा रहे है. गौरतलब है कि इको पार्क में संचालित गोल्फ खेल को खेलने के लिये इको पार्क का क्लब का सदस्य बनना होता है. क्लब के सदस्य बनने के लिये जहां रेल कर्मियों से केवल ढाई हजार से साढ़े तीन हजार लिया जाता है.

वहीं कटिहार वासियों को इसी खेल को खेलने के लिये सदस्यता के लिए पचास हजार रुपये चुकाने का फरमान रेल प्रशासन ने जारी किया है. जिससे कटिहार वासियों की संख्या बहुत ही कम यानी 12 लोग ही अब तक गोल्फ खेलने के लिए सदस्यता ले पाये हैं. गौरतलब हो कि यहां रेलवे के अधिकारी मौज मस्ती के रूप में गोल्फ का उपयोग करते हें. यह खेल काफी खर्चीला माना जाता है.

कोसी रेलवे फुटबॉल मैदान भी है उपेक्षित
रेलवे क्षेत्र के ओटी पाड़ा स्थित कोसी रेलवे फुटबॉल मैदान में जहां कटिहार वासियों के साथ साथ रेल कर्मचारी के बच्चे भी रोजाना उपयोग करते है. लेकिन रेल प्रशासन के सौतेला व्यवहार के कारण यह मैदान की स्थिति दिनों दिन दयनीय होते जा रही है. इस मैदान के चारों ओर जंगली घास फूस उग आये हैं. मैदान में कई जगह छोटे बड़े गड्ढे हैं. इससे खिलाड़ियों को खेल का अभ्यास करने में काफी परेशानी होती है. कभी-कभी खिलाड़ी जख्मी भी हो जाते है. इस मैदान में न तो बैठने की जगह है और न ही ड्रेस चेंजिंग रूम ही. विगत कुछ महीने पहले आयोजित फुटबॉल प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि के रूप में आये कटिहार रेल डिवीजन के डीआरएम उमा शंकर सिंह यादव ने कटिहार वासियों को आश्वासन दिया था कि विभागीय प्रक्रिया के बाद मैदान का कायाकल्प करने की कोशिश की जायेगी, लेकिन अबतक स्थिति जस की तस बनी है.
खास बातें
ईको पार्क के रखरखाव में रोजाना हजारों रुपये हो रहे खर्च
आम लोग उपयोग से वंचित, खेलने को बनना पड़ता है क्लब का सदस्य
क्लब के सदस्य बनने के लिए रेल कर्मियों से ढाई से साढ़े तीन, तो आम लोगों के लिए पचास हजार रुपये चुकाने का है फरमान

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