फसल पर है अपराधियों की नजर

गोगरी : पीला सोना के नाम से प्रचलित मक्का और गेहूं की फसल दियारा क्षेत्र के किसानों के लिए वरदान है. वहीं अपराधियों की भी इस पर नजर रहती है. दियारा का भौगोलिक बनावट कुछ इस तरह है कि पुलिस के लिए भी समय पर घटनास्थल पर पहुंचना काफी मुश्किल हो जाता है. विकट भौगोलिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 15, 2017 10:49 AM
गोगरी : पीला सोना के नाम से प्रचलित मक्का और गेहूं की फसल दियारा क्षेत्र के किसानों के लिए वरदान है. वहीं अपराधियों की भी इस पर नजर रहती है. दियारा का भौगोलिक बनावट कुछ इस तरह है कि पुलिस के लिए भी समय पर घटनास्थल पर पहुंचना काफी मुश्किल हो जाता है. विकट भौगोलिक स्थिति के कारण ही दियारा में कभी कभी अपराधी अपना रंग दिखाने की कोशिश करता है. खगड़िया के दक्षिण पार गंडक नदी बहती है, जिसकी चौड़ाई बाढ़ के दिनों में खगड़िया से लेकर मुंगेर तक हो जाती है.
जब पानी घटता है तब इस नदी की तीन धाराएं बहने लगती है. वर्तमान में नदी की तीन धाराएं हैं एक धारा जो खगड़िया से मानसी के एकनिया गांव से सटे बह रही है पुन: बीच में दियारा है. आगे लगभग दो किमी दूर पर एक धारा और बहती है, उससे आगे लगभग चार किमी दक्षिण गोगरी तक एक धारा और बहती है. इस लगभग चार किमी. चौड़े दियारा क्षेत्र का अधिकांश भाग उत्तर की ओर से मुंगेर और गोगरी का है, जिसमें लगभग ढाई से तीन सौ एकड़ जमीन बिंदटोली के लोगों को भूदान एवं अन्य माध्यम में मिले हैं.

बाढ़ के बाद उसमें कास (खरही) उग आता है तथा जो जगह खाली होती है उसमें उड़द की फसल की बुआई होती है. यहां जाने के लिए मात्र पगडंडी ही सहारा है. पुलिस भी स्वीकार करती है कि खेत जुताई, बुआई तक किसी को कोई दिक्कत नहीं होती है. लेकिन जैसे ही फसल काटने का समय आता है.

सुरक्षा की समस्या : यह क्षेत्र नक्सल प्रभावित भी माना जाता है तथा बीच का दियारा क्षेत्र कास के जंगलों से भरा रहता है, जहां बिना पर्याप्त बल के तथा दोनों जिलों की पुलिस के मदद के बिना घुसना खतरे से खाली नहीं माना जाता है.

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