मासूमों की हालत देख किसी को भी आ जाए रोना
मौसम की मार . स्कूल से घर लौटते वक्त झुलस जाते हैं चेहरे पिछले तीन-चार दिनों से जिला भीषण गरमी एवं तपिश की चपेट में है. इस गरमी व प्रचंड धूप में सबसे ज्यादा परेशान बच्चे हो रहे हैं. स्कूलों के मॉर्निंग नहीं होने से बच्चे उस समय घर लौटते हैं, जब तेज धूप बदन […]
मौसम की मार . स्कूल से घर लौटते वक्त झुलस जाते हैं चेहरे
पिछले तीन-चार दिनों से जिला भीषण गरमी एवं तपिश की चपेट में है. इस गरमी व प्रचंड धूप में सबसे ज्यादा परेशान बच्चे हो रहे हैं. स्कूलों के मॉर्निंग नहीं होने से बच्चे उस समय घर लौटते हैं, जब तेज धूप बदन झुलसा रही होती है. ऐसे में जब बच्चे पसीने से लथपथ होकर घर पहुंचते हैं, तो उनकी हालत देख अभिभावकों को रोना आ जाता है.
कटिहार : जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में गरमी को लेकर त्राहिमाम मचा हुआ है. सुबह नौ बजे के बाद से सड़काें पर वीरानगी छा जा रही है. शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों की कमोबेश स्थिति एक जैसी ही है. बढ़ती गरमी एवं तपीश से सबसे ज्यादा प्रभावित स्कूली छात्र-छात्राएं एवं महिलाएं हो रही हैं. जिला प्रशासन के द्वारा अब तक स्कूलों को प्रातः कालीन नहीं किया गया है,
जबकि अप्रैल में ही विद्यालय प्रात:कालीन हो जाते थे. अभिभावकों ने डीएम मिथिलेश मिश्रा का ध्यान इस आेर दिलाते हुए आग्रह किया है कि बच्चों के हित में स्कूलों को प्रात:कालीन किया जाये और छोटे-छोटे बच्चों का स्कूल कुछ दिन के लिए बंद किया जाये. भीषण गरमी एवं तपीश में ही छात्र-छात्राओं को विद्यालय से लौटना पड़ता है. अब तक सरकारी व निजी विद्यालयों की ओर से पठन-पाठन के लिए प्रातः
कालीन समय सारणी पर अमल शुरू नहीं हुआ है. आमतौर पर पिछले कई वर्षों से अप्रैल में ही प्रातःकालीन सत्र शुरू हो जाता था, लेकिन अब यह माह बीतने को है.
डीएम साहब के आदेश के इंतजार में अभिभावक
कहते हैं डीइओ
जिला शिक्षा पदाधिकारी श्रीराम सिंह ने इस संदर्भ में बताया कि भीषण गरमी को देखते हुए प्रातः कालीन शैक्षणिक सत्र प्रारंभ करने के लिए वह शीघ्र ही डीएम साहब से इस मामले में बात करेंगे. एक-दो दिन के भीतर प्रातः कालीन सत्र के लिए पहल की जायेगी, ताकि बच्चे परेशान न हों.