सरकारी सुविधा नदारत, जैसे-तैसे जीवनयापन कर रहे है बाढ़ पीड़ित
गंगा व महानंदा के जलस्तर में धीरे-धीरे आ रही है गिरवट
अमदाबाद. प्रखंड में बाढ़ की स्थिति अभी भी अथावत बनी हुई है. गंगा व महानंदा नदी के जलस्तर में धीरे-धीरे गिरावट होने के कारण बाढ़ पीड़ित परिवारों की समस्या कम होने की नाम नहीं ले रही है. बाढ़ से प्रभावित परिवार अपना घर द्वार छोड़कर पलायन कर गये थे. अभी भी ऊंचे स्थलों पर पर शरण लिए हुए हैं. बाढ़ पीड़ित परिवारों की दयनीय हालात हो गयी है. पिछले एक महीने से रुखे-सुखे भोजन खाकर समय गुजर रहे हैं. दुर्गापुर पंचायत के लक्खी टोला गांव के दर्जनों परिवार अभी भी रिंग बांध पर शरण लिए हुए हैं. बीते मंगलवार को मनिहारी एसडीएम कुमार सिद्धार्थ व अंचलाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी द्वारा दुर्गापुर पंचायत सहित अन्य बाढ़ से प्रभावित पंचायतों का भ्रमण किया गया था. बाढ़ पीड़ित परिवारों से मनिहारी एसडीम सहित अन्य पदाधिकारी ने रूबरू हुए थे. बाढ़ पीड़ित परिवारों को को मनिहारी एसडीएम ने जल्द ही बाढ़ राहत पहुंचाने की बात कही थी. मनिहारी एसडीएम कुमार सिद्धार्थ ने पीड़ित परिवार एवं प्रतिनिधियों से कहा था कि एक से दो दिनों के अंदर सर्वे करवाकर उन्हें तत्काल पॉलीथिन मुहैया करा दी जायेगी. दिनेश पासवान, देवेन पासवान, मोसमात उमिया, मालती देवी सहित अन्य बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि चार दिन बीत जाने के बाद भी अब तक बाढ़ राहत सुविधा उपलब्ध नहीं करायी गयी है. खुले आसमान के नीचे समय काट रहे हैं. सांप बिच्छू के डर से रात भर रात जगा करते हैं. बाढ़ का पानी धीरे-धीरे उतरने से घरों में जाना मुश्किल है. ज्ञात हो कि बाढ़ पीड़ित परिवारों के समक्ष आवागमन से लेकर रोजगार इत्यादि की गंभीर समस्या खड़ी हो गयी है. प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ का पानी फैलने व बाढ़ प्रभावित होने के कारण लोगों को रोजगार भी मिलना बंद हो गया है. बाढ़ से प्रभावित सबसे अधिक मजदूर तपके के लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है. बाढ़ प्रभावित परिवार सरकार की ओर तक की निगाहें लगा बैठी है. लेकिन अब तक सरकार की ओर से राहत सुविधा नहीं मिलने पर बाढ़ पीड़ित परिवारों में नाराजगी हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है