भगवान राम व कृष्ण के जीवन शैली को अपनाएं

दयगंज में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा का हो गया समापन

By Prabhat Khabar News Desk | November 21, 2024 10:38 PM

कटिहार. शहर के हृदयगंज स्थित सिताराम चमरिया कॉलेज के निकट आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा का गुरुवार को संपन्न हो गया. साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ सप्ताह के अंतिम दिन कथा सुनने हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे. दीदी श्याम किशोरी ने अपने प्रवचन में कहा कि नैतिक मूल्यों में ह्रास तीव्र गति से हो रही है. जबकि भगवान श्रीराम और श्री कृष्णा के जीवन शैली का अनुशरण करना बहुत जरूरी है. धरती पर उनका अवतार ही हुआ था. मानव में मानवीय मूल्यों का विकास के लिए आप सभी मोबाइल, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप ,मैसेंजर चैटिंग करते हैं. ये नहीं कर अपने आध्यात्मिक ज्ञान बढ़ाये. पुरुषों को मर्यादा पुरुषोत्तम राम के पद चिह्नों पर चलना चाहिए. जबकि महिलाओं को सीता माता का अनुसरण करना चाहिए. महिलाओं के लिए अपने पति को छोड़कर सभी के लिए उसे दुर्गा, काली का रूप धारण करना चाहिए. जबकि अपने पति के लिए उसे सीता के रूप प्रत्येक महिला के पति श्रीराम है. उसके अलावा जो भी पुरुष है. उसके लिए आप दुर्गा और काली है. इस संसार में अपने जीवन यापन कीजिए. अपने पति के डॉट फटकार को कभी भी अपने स्मिता पर नहीं लेना चाहिए. क्योंकि वह जितना आपसे प्रेम करते हैं. उनको अधिकार भी है. कमेटी की ओर से संयोजक डॉ एस के सुमन ने अपने संबोधन ने कहा कि ज्ञान सप्ताह में जो ज्ञान का छटा बिखेरी उसे निश्चित रूप से हमारे समाज को बहुत ही लाभ पहुंचेगी. हमलोगों में मानवीय मूल्यों, नैतिकता और अनुशासन का विकास होगा. यज्ञ समिति के अध्यक्ष श्रीकांत मंडल ने कहा इस तरह के आयोजन से निश्चित रूप से समाज में धर्म के प्रति आस्था बढ़ती है. जबकि सचिव श्रीकृष्णा सिंह ने कहा कि हम लोग प्रयास करेंगे वर्ष में एक बार इस तरह का आयोजन किया जाय. ताकि समाज के युवक, युवतियों में अध्यात्म के प्रति लगाव हो. वरिष्ठ सदस्य संजय चौधरी, मुख्य यजमान मिलन यादव, राम झा, रत्नेश कुमार सिंह, प्रो विनय कुमार पांडे, मनोज कुमार मंडल, पंकज कुमार मंडल, अमन राज सिंह, अखिलेश यादव आदि का सात दिवसीय भागवत कथा के समापन में महती भूमिका निभायी. शहर के हृदयगंज स्थित सिताराम चमरिया कॉलेज के निकट आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा का गुरुवार को संपन्न हो गया. साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ सप्ताह के अंतिम दिन कथा सुनने हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे. दीदी श्याम किशोरी ने अपने प्रवचन में कहा कि नैतिक मूल्यों में ह्रास तीव्र गति से हो रही है. जबकि भगवान श्रीराम और श्री कृष्णा के जीवन शैली का अनुशरण करना बहुत जरूरी है. धरती पर उनका अवतार ही हुआ था. मानव में मानवीय मूल्यों का विकास के लिए आप सभी मोबाइल, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप ,मैसेंजर चैटिंग करते हैं. ये नहीं कर अपने आध्यात्मिक ज्ञान बढ़ाये. पुरुषों को मर्यादा पुरुषोत्तम राम के पद चिह्नों पर चलना चाहिए. जबकि महिलाओं को सीता माता का अनुसरण करना चाहिए. महिलाओं के लिए अपने पति को छोड़कर सभी के लिए उसे दुर्गा, काली का रूप धारण करना चाहिए. जबकि अपने पति के लिए उसे सीता के रूप प्रत्येक महिला के पति श्रीराम है. उसके अलावा जो भी पुरुष है. उसके लिए आप दुर्गा और काली है. इस संसार में अपने जीवन यापन कीजिए. अपने पति के डॉट फटकार को कभी भी अपने स्मिता पर नहीं लेना चाहिए. क्योंकि वह जितना आपसे प्रेम करते हैं. उनको अधिकार भी है. कमेटी की ओर से संयोजक डॉ एस के सुमन ने अपने संबोधन ने कहा कि ज्ञान सप्ताह में जो ज्ञान का छटा बिखेरी उसे निश्चित रूप से हमारे समाज को बहुत ही लाभ पहुंचेगी. हमलोगों में मानवीय मूल्यों, नैतिकता और अनुशासन का विकास होगा. यज्ञ समिति के अध्यक्ष श्रीकांत मंडल ने कहा इस तरह के आयोजन से निश्चित रूप से समाज में धर्म के प्रति आस्था बढ़ती है. जबकि सचिव श्रीकृष्णा सिंह ने कहा कि हम लोग प्रयास करेंगे वर्ष में एक बार इस तरह का आयोजन किया जाय. ताकि समाज के युवक, युवतियों में अध्यात्म के प्रति लगाव हो. वरिष्ठ सदस्य संजय चौधरी, मुख्य यजमान मिलन यादव, राम झा, रत्नेश कुमार सिंह, प्रो विनय कुमार पांडे, मनोज कुमार मंडल, पंकज कुमार मंडल, अमन राज सिंह, अखिलेश यादव आदि का सात दिवसीय भागवत कथा के समापन में महती भूमिका निभायी.

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