कोढ़ा. मानसून के दस्तक देने की साथ ही पिछले तीन दिनों से हो रही लगातार झमाझम बारिश के कारण कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र के बहियारों में धान की रोपनी परवान पर है. अहले सुबह से लेकर शाम तक जहां बहियारों किसानों के द्वारा मजदूरों से अपने नर्सरी से धान का बिचड़ा उखाड़ कर खेतों में मजदूरों के माध्यम से धान की रोपनी करा रहे हैं. बहियार में धान रोपने के लिए ट्रैक्टर से खेत तैयार किया जा रहा है. ट्रैक्टर की आवाज बहियार के सन्नाटे को तोड़ते हुए अपनी उपस्थिति का एहसास कराती है. धान का बिचड़ा अलगाने से लेकर रोपनी तक बहियार में महिलाओं के सावन भादो गीत गूंजते हैं. पानी जे बरसे हो देवा… बिजली जे चमके हो देवा… बरसे मोटे-मोटे बूंदे हो … के बीच मजदूरों के द्वारा धान रोपनी की जा रही है. धान की रोपनी परवान पर होने के कारण धान रोपने वाले मजदूरों के लाले पड़ने लगे है. कृषक तीन से चार दिन मजदूरों के यहां दौड़ने के बाद तब जाकर तीसरे या चौथे दिन धान रोपने के लिए मजदूर मिलते हैं. शाम होते ही एक-एक मजदूर के यहां कई कई किसान धान रोपने के लिए अहराने जाते हैं. बहरहाल पिछले तीन दिनों से हो रही लगातार मूसलाधार बारिश के कारण प्रखंड क्षेत्र के लगभग सभी बहियारों में तीव्र गति से धान की रोपनी हो रही है. धान की हरियाली के साथ-साथ सावन भादो के गीतों से बहियार गुलजार हो रहा है.
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