कटिहार. बिहार राज्य आशा व फैसिलिटेटर संघ के राज्य कमेटी के निर्णयानुसार विभिन्न मांगों को लेकर शनिवार को जिला शाखा की ओर से सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया. अध्यक्षता निशात परवीन ने की. जिला भर से पहुंचे आशा व फैसिलिटेटर ने मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की. संघ की जिला मंत्री जिपछी देवी ने आशा एवं आशा फैसिलिटेटरों पर अत्याधिक कार्य बोझ लाद कर दमन की कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से अप्रशिक्षित आठवीं पास आशा कार्यकर्त्ताओं के द्वारा आयुष्मान कार्ड बनाने व पारिवारिक सर्वे कर उसे भाव्या पोर्टल पर अपलोड करने का आदेश अपने आप में दमन की कार्रवाई करने जैसा है. जबकि आशा का कार्य लाभुकों को संस्थान स्तर तक पहुंचाना है. गाईड लाइन के अनुसार जो कार्य आवंटित है. उसके अतिरिक्त भी कई सामाजिक कार्यक्रमों में बिना प्रोत्साहन राशि के आशा से कार्य कराया जाता है. जिसे आशा सम्पादित करती है. लेकिन आयुष्मान कार्ड बनाने तथा भाव्या पोर्टल पर अपलोड करने जैसे तकनीकी कार्रवाई करने में आशा सक्षम नहीं है. इसलिए प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों या उप केद्रों पर डाटा ऑपरेटर, सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी के द्वारा इस कार्य का सम्पादन कराया जाय. आशा लाभुकों को सिर्फ केंद्र तक लाने का कार्य करेंगी. मौके पर बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रमंडलीय मंत्री सुभाष चंद्र महतो ने कहा कि आशा एवं आशा फैसिलिटेटर के विगत हड़ताल के दौरान किये गये समझौते के अनुसार राज्य निधि से 1000 के बजाय 2500 की राशि पारितोषिक शब्द को मानदेय में बदलते हुए किया जाय. यदि अविलम्ब किये गये समझौते को लागू नहीं किया गया तो आयुष्मान कार्ड बनाने और भाव्या पोर्टल पर अपलोड करने जैसी तुगलकी फरमान को वापस नहीं लिया गया तो बाध्य होकर बिहार राज्य आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ अपने बैनर के तले राज्य स्तरीय प्रदर्शन करेगा, तथा पुनः अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के लिए बाध्य होगा. इस अवसर पर कृष्ण तिवारी, माला झा, सरिता कुमारी, पूनम कुमारी, विमला हांसदा, कलावती, सुधा कुमारी आदि बड़ी संख्या में आशा व आशा फैसिलिटेटर प्रदर्शन में मौजूद थी.
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