सरकारी योजना के अनुदान के लिए भटक रहे लाभुक

किसानों ने विभाग के पदाधिकारियों पर लगाया परेशान करने का आरोप

By Prabhat Khabar News Desk | January 28, 2025 11:19 PM

कटिहार. सरकार किसानों के हित में कई तरह की योजना चला रही है. इसके उपयोग से किसानों को इसका लाभ मिल रहा है. इतना ही नहीं कम समय कम लागत में अधिक मुनाफा भी कमा रहे हैं. इसको लेकर किसान इच्छुक भी हैं. लेकिन कृषि विभाग के पदाधिकारी की मनमानी से जिले के किसान परेशान हैं. खासकर सरकारी योजना के तहत मिलने वाले अनुदान में देरी को लेकर काफी परेशान है. उद्यान विभाग की ओर से समरसेबल बोरिंग लगाने के लिए 2024-25 में कुल 17 किसानों को वर्कआर्डर दिया गया. लेकिन अब तक कितने जगहों पर किन किसानों ने समरसेबल बोरिंग लगाया है. इसकी जानकारी जिला उद्यान विभाग को नहीं है. ऐसा इसलिए कि अब तक इसका कहीं से बिल जमा नहीं किया गया है. दूसरी ओर आजमनगर प्रखंड के पिंढाल पंचायत के जयप्रकाश नगर, पानीघट्टा निवासी प्रगतिशील किसान हरेन्द्र सिंह कृषि कार्य में आधुनिकता के लिए जाने जाते हैं. खेतों में पौधों की सिंचाई के लिए समय, श्रम, जल व खेती के खर्चों में बचत को ले क्षेत्र में चर्चित हैं. कृषि विभाग की माने तो प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना द्वारा वाटर हार्वेस्टिंग पद्धति अपनाकर ये प्रगतिशील किसानों की सूची में शामिल हो चुके हैं. खेतों की सिंचाई में समरसेबल बोरिंग के साथ ड्रिप व स्प्रिंकलर से पटवन अर्थात सिंचाई कार्य कर ये संतुष्ट नजर आते हैं. लेकिन विभाग इन किसान के साथ भी अनदेखी कर रही है. किसान सह पूर्व मुखिया हरेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के समरसेबल बोरिंग में कुल एक लाख, साठ हजार रुपए खर्च हुए हैं. जिसमें पचास प्रतिशत सब्सिडी सरकार द्वारा दिए जाने की बात कही गई थी. कृषि विभाग के पदाधिकारियों के निर्देश में कार्य पूर्ण कर आधुनिक पद्धति द्वारा सिंचाई कर रहे हैं. जिसे देखने दूर दराज से किसान आते रहते हैं. अनुदान को लेकर विभाग को उक्त बिल जमा किए करीब दो माह बीत चुके हैं. पर सब्सिडी का लाभ अब तक नहीं मिल पाया है. आजमनगर प्रखंड में ही एक और किसान को समरसेबल बोरिंग के लिए वर्कऑर्डर दिया गया था. अनुदान भुगतान में हो रही देरी के मद्देनजर किसान इसे लगाने से कतरा रहे हैं.

नहीं है इस तरह की कोई जानकारी

प्रखंड कृषि पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि प्रखंड उद्यान पदाधिकारी ने इस योजना को लेकर लगाने से लेकर आने वाले खर्च मद की जानकारी उपलब्ध कराया गया था. समरसेबल बोरिंग के तहत मिलने वाली अनुदान को लेकर उन्हें जानकारी नहीं है. इस बारे में प्रखंड उद्यान पदाधिकारी बेहतर तरीके से बता सकते हैं कि आखिर क्यों दो माह बाद भी अनुदान का लाभ उक्त किसान को नहीं मिला.

एकमात्र आजमनगर प्रखंड में लगाया गया समरसेबल बोरिंग

प्रखंड उद्यान पदाधिकारी इंद्रजीत कुमार यादव ने बताया कि आजमनगर प्रखंड में एकमात्र प्रगतिशील किसान हरेन्द्र सिंह ने समरसेबल बोरिंग लगाया है. सिंचाई में आधुनिकता का प्रयोग सहमति पश्चात उन्हें बोरिंग पाइप, अन्य उपकरण, स्प्रिंकल, ड्रिपर आदि सामान 80 प्रतिशत सब्सिडी पर तत्काल उपलब्ध करा दिया गया. छह इंच समरसेबल बोरिंग में आने वाले खर्च कुल एक लाख 80 हजार पर 50 प्रतिशत सब्सिडी भुगतान में आनेवाली अड़चन को शीघ्र ही दूर कर भुगतान करा दिया जायेगा.

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