कटिहार. मंगलवार से चार दिवसीय अनुष्ठान छठ महापर्व शुरू हो रहा है. छठ घाटों की सफाई को लेकर प्रशासन व जनप्रतिनिधि तक गंभीर बने हुए हैं. नगर निगम क्षेत्र के जहां 34 प्राकृतिक व डेढ़ से दो सौ कृत्रिम घाटाें की सफाई जोरशोर से की जा रही है. सदर प्रखंड के दलन पूरब पंचायत के करीब छह वार्ड के लोगों के लिए एकमात्र छठ घाट भसना प्रशासनिक व जनप्रतिनिधियों के उदासीनता का शिकार है. अब तक इस छठ घाट की सफाई नहीं होने से छठव्रतियों से लेकर श्रद्धालुओं के बीच परेशानी बनी हुई है. कई श्रद्धालुओं का कहना है कि वर्षो से इस छठ घाट पर इस पंचायत के हजाराें की संख्या में छठव्रती छठ कर समाज के साथ बच्चों व परिजनों की सुख समृद्धि के लिए अर्घ देते हैं. नहाय-खाय से एक दिन पूर्व तक इस छठ घाट की हालत खराब है. छठ घाट की सफाई नहीं होने से जगह-जगह बड़े जंगल झाड़ से लेकर जलकुंभी छाये रहने से छठ व्रतियों के परिजनों में चिंता का विषय बना हुआ है. छठ व्रतियों के परिजनों का कहना है कि मुखिया, सरपंच से लेकर कई जनप्रतिनिधियों को इससे अवगत कराया गया. साफ सफाई को लेकर मजदूर उपलब्ध कराये जाने की मांग की गयी. लेकिन इस ओर किसी का ध्यान अब तक नहीं जाने के कारण उनलोगों द्वारा चंदा इक्कठा कर किसी तरह छठ घाट की सफाई करने में जुट गये हैं. श्रद्धालुओें में मेघू महलदार, रंजीत महलदार, राजू सदा, उपेन महलदार समेत अन्य का कहना है कि उनलोगों ने सफाई के लिए मुखिया से जेसीबी की मांग की. लेकिन अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिये जाने के कारण वे लोग परेशान हैं. नदी किनारे करीब एक किलाेमीटर तक छठ घाट की सफाई कराना शेष रह गया है. इधर मुखिया नैमूल हक ने बताया कि छठ घाट की सफाई को लेकर किसी तरह का कोई सरकारी फंड उपलब्ध नहीं कराया जाता है. इसके बावजूद वे अपने स्तर से छठ घाटाें की सफाई करीब बीस कर्मियों से कराया जा रहा है. वार्ड सदस्यों को अपने अपने क्षेत्र में पड़ने वाले छठ घाटाें का मुआयना कर इत्तेला करने का निर्देश दिया गया है. ताकि समय रहते उक्त घाट पर सुविधा मुहैया कराया जा सके.
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