प्रखंड सह अंचल भवन हुआ जर्जर, मरम्मत के लिए नहीं दिया जा रहा ध्यान
बरारी प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवन जर्जर हो गया है. प्रखंड सह अंचल कार्यालय बरारी का भवन वर्तमान समय में बैठने लायक नहीं है.
बरारी. बरारी प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवन जर्जर हो गया है. प्रखंड सह अंचल कार्यालय बरारी का भवन वर्तमान समय में बैठने लायक नहीं है. दो वर्ष पूर्व जब बीडीओ अपने कक्ष में बैठकर जनप्रतिनिधि से बात कर रहे थे. तभी अचानक छत का चट्टा टेबल पर गिरा था. जिससे सभी बाल-बाल बचे थे. उसी वक्त से बाडीओ ने सभाकक्ष के निकट बनी कमरे में अपना कक्ष संचालित करना शुरू कर दिया. बताया जाता है कि बरारी के पूर्व के बीडीओ राधेश्याम बिहारी सिंह एवं अंचल पदाधिकारी उमाशंकर सिंह ने 1974 में प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवन को संवारने का काम किया था. प्रखंड में प्रवेश करने को दो शानदार गेट थे. बीडीओ, सीओ के आवास मार्ग की तरफ प्रवेश करने पर अंचल गार्ड की इजाजत लेनी पड़ती थी. आज भवन की हालत काफी जर्जर है. कब भवन की छत गिर जाय कोई नहीं जानता. इसी जर्जर भवन में आज भी सांख्यीकि पदाधिकारी जहां जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनते हैं. प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी का कार्यालय संचालित है, जहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवन करीब 60 वर्ष पूर्व बना था. जिसमें प्रखंड एवं अंचल कार्यालय सहित प्रमुख, कृषि कार्यालय, पौधा संरक्षण कार्यालय, पीएचईडी कार्यालय, बीपीआरओ आदि कार्यालय हुआ करता था. जैसे-जैसे भवन जर्जर होता गया, सभी कार्यालय जिसे जहां जगह मिला शिप्ट हो गया. त्रिस्तरीय पंचायत एमएलसी मोहनलाल अग्रवाल के कोष से पंचायत प्रतिनिधि को बैठने के लिए हॉल का निर्माण कराया गया था. जिसे प्रखंड कार्यालय में परिणत कर दिया गया. एक हवामहल का निर्माण कराया गया था. जिसमें दीवार उठाकर अंचल कार्यालय संचालित कर दिया गया. एक भी जनप्रतिनिधि ने बरारी प्रखंड की जर्जर भवन के निर्माण की आवाज बुलंद नहीं की. 21 पंचायत का प्रखंड के पास अपना व्यवस्थित भवन तक नहीं है. चार लाख से अधिक आबादी वाला प्रखंड को नये भवन की आवश्यकता है. जिसमें प्रखंड सह अंचल कार्यालय सुव्यवस्थित ढंग से संचालित हो ताकि आम लोगों एक छत के नीचे अपने कार्यों का निष्पादन कराने में सहुलियत मिल सके.
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