आजमनगर. प्रखंड सह अंचल कार्यालय पिछले कई दिनों से लगातार अपने काले कारनामा को लेकर सुर्खियां बटोर रही है. जिसको न तो कोई अधिकारियों का और न ही राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल का कोई खौफ है. मानो सारे नियमों को खुद ही बनाते हैं और खुद ही लागू कर देते हैं. जबकि राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल के द्वारा बिहार के दर्जनों सीओ के विरुद्ध अवैध वसूली सहित कई अन्य मामलों में कार्रवाई की गयी है. बावजूद इसके अंचल कार्यालय में कार्यरत अधिकारियों को इसका कोई खौफ नहीं दिखाई देना कुछ और ही बयां कर रही है. बताते चलें कि बीते दिनों ग्राम कचहरी आलमपुर कार्यालय में ऑपरेटर के रूप में कार्य कर रहे मसूद आलम नामक व्यक्ति के विरुद्ध दर्जनों लोगों ने अवैध वसूली के विरोध में प्रखंड सह अंचल कार्यालय प्रांगण में जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया था. जिसमें कुछ लोगों ने जानकारी देते हुए कहा कि बासगीत पर्चा बनाने के नाम पर किसी से 20 तो किसी से 30 हजार रुपए लिया गया है. बासगीत पर्चा मांगने पर और अधिक पैसे की मांग की जा रही है. यह बाद ग्रामीणों में आग कि तरह फैल गयी. जिसके बाद खाजानगर गांव निवासी रफीक अंसारी नामक व्यक्ति के द्वारा राजस्व कर्मचारी एवं सीओ की मिली भगत होने का प्रमाण लोगों के सामने रख दिया. जिसे देखने के बाद मानों ग्रामीणों के आंखों में अंधेरा छा गया हो. लोगों में चर्चा होने लगी कि आखिर सरकारी दस्तावेज प्राइवेट ऑपरेटर के पास कैसे पहुंची. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभागीय अधिकारियों की गोपनीयता किस हद तक सुरक्षित है. प्रखंड के लगभग सभी ग्राम कचहरी कार्यालय में मोटेशन, बासगीत पर्चा, दाखिल खारिज सहित अन्य कार्य कराने के नाम पर अवैध वसूली लगातार जारी है. सोशल एक्टिविस्ट अजहर नजामी ने कहा आजमनगर अंचल कार्यालय बिचौलियों का अड्डा बना गया है. कभी बासगीत पर्चा, म्यूटेशन एवं बंदोबस्ती के नाम पर सेवा शुल्क अंचल के कर्मचारियों द्वारा मांगी जाती है. नहीं दिया तो लटका दिया जाता है.
कहते हैं सीओ
अंचलाधिकारी रिजवान अहमद से सरकारी दस्तावेज प्राइवेट ऑपरेटर के घर में मिलने कि बात पर कहा जांच का विषय है. जांच किया जायेगा. जांच के बाद ही आगे कि कार्रवाई की जा सकती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है