कटिहार. शब्दार्थ साहित्यिक परिषद एवं हिन्दी विभाग केबी झा कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को डॉ नृपेन्द्र कुमार गुप्ता की पुस्तक अतीत की धूप छांव का लोकार्पण पूरे उमंग और उत्साह के साथ केबी झा कॉलेज के प्रशाल संख्या छह में किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व सांसद दुलालचन्द्र गोस्वामी, विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ कामेश्वर पंकज, डॉ मनोज पराशर, ललित अग्रवाल, डॉ हरेन्द्र कुमार सिंह थे. अध्यक्षता सुरेन्द्र नारायण यादव ने की. लोकार्पण समारोह में संस्मरणकार डॉ नृपेन्द्र कुमार गुप्ता भी स्वयं मौजूद थे. पूर्व मंत्री सह पूर्व सांसद दुलाल चन्द्र गोस्वामी ने कहा कि इस पुस्तक का साहित्यिक जगत में स्वागत किया जाना चाहिए. क्योंकि इसमें वह सब कुछ है जो मनुष्य को मनुष्य बनने की प्रेरणा देती है. वक्ताओं ने इस पुस्तक पर अपने- अपने विचार रखें. यह संस्मरण अच्छा है. इनके अतीत वाला, सुख-दुख वाला सत्यता के साथ उद्घाटित किया. यह महज संयोग है कि एक चिकित्सक साहित्यकार के श्रेणी में आ खड़ा हुआ है. जहां उन्होंने पूरी सत्यता के साथ अपने जीवन प्रसंगों को उद्घाटित किया है. वक्तओं ने कहा कि अब पाठकों को तय करना है कि उनका यह संस्मरण साहित्यक जगत के लिए कितना सुखद होगा. विषय प्रवेश करते हुए डाॅ जितेश कुमार ने कहा कि यह संस्मरण निश्चित ही हिन्दी जगत के लिए एक बड़ी निधि है, जो कटिहार के लोगों को साहित्य के प्रति जागरूक करेगा. आयोजन में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस पुस्तक से पूरी निष्ठा के साथ जुड़ने की जरूरत है. ताकि जो भी अच्छाईयां हो उन्हें ग्रहण किया जा सके. इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ सुरेन्द्र नारायण यादव ने कहा कि इस पुस्तक के रूप में उन्होंने जीवन के एक सुंदर कविता लिख डाली है. कॉलेज के प्राचार्य डॉ हरेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि इस तरह का आयोजन निश्चित ही कटिहार के लिए एक सुखद संयोग है. जहां इतने साहित्यिक विद्वान जमा हुए हैं. यह पुस्तक जीवन के पथ को आलाेकित करता है. मौके पर जिले भर के कई शिक्षाविद व साहित्यिकार मौजूद थे.
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