कुरसेला में सड़क पर चल रहा बस व ऑटो स्टैंड
स्थानीय लोग प्रशासन से स्थायी बस व ऑटो स्टैंड बनाने की कर रहे मांग
नया चौंक कुरसेला पर सड़क जाम जटिल समस्या बनती जा रही है. नेशनल हाइवे 31 से लेकर स्टेट हाइवे के आसपास लगनेवाले जाम के अवरोध से वाहन चालक व आमलोग परेशान है. सड़क जाम से आये दिन छोटी बड़ी दुर्घटनाएं घटित होते है. नेपाल को जोड़ने वाली स्टेट हाइवे 77 कुरसेला में राष्ट्रीय उच्च पथ 31 से आकर मिलती है. परिचालन को लेकर दोनों सड़कें व्यस्त बनी रहती है. नया चौक कुरसेला में मार्गों के भाग अतिक्रमित होने से सहज परिचालन करना कठिन बना रहता है. उस पर सड़कों के भाग पर बस, ऑटो, टोटो पड़ाव के साथ फुटकर दुकानें लगने से मार्गों से सहज गुजर पाना दुष्कर हो जाता है. नया बाजार कुरसेला में एनएच से लेकर स्टेट हाइवे 77 पर तकरीबन छह बस व ऑटो स्टैंड है. बस और ऑटो पड़ाव का कार्य सड़क के भाग पर चला करता है. पड़ाव का कार्य सड़क के हिस्से पर चलने से मार्गो के हिस्से छोटे पड़ जाते हैं. फुटकर दुकानों ने सड़क भाग को अतिक्रमण कर रखा है. व्यस्तम सड़कों पर कायम स्थितियों से अक्सर जाम लगने की हालात बन जाता है. फारबिसगंज कुरसेला स्टेट हाइवे से परिचालन करने वाले वाहन कुरसेला में एनएच 31 से गुजरने में ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न करती है. एनएच 31 के भाग पर अप डाउन के दो बस पड़ाव चला करता है. इसी तरह हाइवे के हिस्से पर चार ऑटो, टोटो स्टैंड है. राज्य उच्च पथ 77 पर कुरसेला, रूपौली बस पड़ाव के साथ सड़क पर दोनों तरफ स्टैंड के रूप में ऑटो की कतारे लगी रहती है. जगह अभाव में सड़क के एक तिहाई हिस्से पर स्टैंड के तौर पर ऑटो लगा रहता है. इन स्थितियों में सड़क पर सहजता से परिचालन कर पाना विकट हो जाता है. यात्रियों को सवार कराने के लिए ऑटो के इधर से उधर घुमाने से मार्गो पर अवरोध बन जाता है. वाहनों के बढ़ते परिचालन संख्या से दोनों ही मुख्य मार्गों के भाग कम पड़ जाता है. ऐसे मे नया चौंक कुरसेला के आसपास सड़क भाग पर दुकानें और पड़ाव के संचालन से दोनों ही प्रमुख सड़कों पर परिचालन में बड़ा अवरोध बन जाता है. अनेकों बार सड़कों को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है. बावजूद सप्ताह पखवाड़े महीने के भीतर अतिक्रमणकारी सड़कों पर आ धमकते है. इससे अतिक्रमण की स्थिति पूर्व की भांति जस की तस हो जाया करती है.
बस, ऑटो, टोटो पड़ाव के लिए जगह का अभाव
कुरसेला से एनएच व एसएच के गुजरने के बाद भी स्थाई रूप से बस व ऑटो पड़ाव नहीं बन पाया है. पूर्व में पंचायत समिति के बैठक में बस पड़ाव निर्माण के लिए जगह चयन का मामला प्रमुखता से उठाया गया था. नतीजा बस पड़ाव जगह को लेकर अब तक सिफर साबित हुआ है. ऑटो और टोटो की संख्या बढ़ने से पड़ाव पर जगह अभाव का संकट बढ़ता जा रहा है. जाम समस्या के पीछे वाहनों के परिचालन संख्या के अनुरूप सड़क का छोटा पड़ना व मार्ग का अतिक्रमण और पड़ाव का होना अहम है. जानकारों को मानना है कि फोर लेन बनने व फ्लाइ ओवर के निर्माण से दोनों सड़कों पर जाम का समस्या से हद तक निजात पाया जा सकता है. इससे सड़कों पर घटित होने वाले दुर्घटनाओं में कमी आ सकती है.कुरसेला से एनएच व एसएच के गुजरने के बाद भी स्थायी रूप से बस व ऑटो पड़ाव नहीं बन पाया है. पूर्व में पंचायत समिति के बैठक में बस पड़ाव निर्माण के लिए जगह चयन का मामला प्रमुखता से उठाया गया था. नतीजा बस पड़ाव जगह को लेकर अब तक सिफर साबित हुआ है. ऑटो और टोटो की संख्या बढ़ने से पड़ाव पर जगह आभाव का संकट बढ़ता जा रहा है. जाम समस्या के पीछे वाहनों के परिचालन संख्या के अनुरूप सड़क का छोटा पड़ना व मार्ग का अतिक्रमण और पड़ाव का होना अहम है. जानकारों का मानना है कि फोर लेन बनने व फ्लाइ ओवर के निर्माण से दोनों सड़कों पर जाम का समस्या से हद तक निजात पाया जा सकता है. इससे सड़कों पर घटित होने वाले दुर्घटनाओं में कमी आ सकती है.
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