कटिहार. नॉर्थ ईस्टर्न बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने केन्द्रीय रेल मंत्री को पत्र लिखकर एनजेपी-पटना वंदे भारत के समय में बदलाव के साथ कटिहार से सूरत के लिए सीधी ट्रेन का परिचालन की मांग की है. चैंबर अध्यक्ष सह विधान पार्षद अशोक अग्रवाल के निर्देश पर लिखे पत्र की जानकारी देते हुए महासचिव भुवन अग्रवाल ने कहा कि एनएफ रेलवे का कटिहार रेल मंडल आर्थिक और वाणिज्य रूप से काफी समृद्ध है. कटिहार में कपड़ों का थोक व्यापार के साथ अन्य कारोबार भी ना केवल उत्तर भारत में बल्कि संपूर्ण देश में अपनी अलग पहचान रखता है. पूर्व में बिहार के मुजफ्फरपुर को कपड़ा मंडी के रूप में जाना था. वर्तमान समय में कटिहार का कपड़ा मंडी मुजफ्फरपुर के ना केवल समकक्ष है. बल्कि कपड़ा के थोक कारोबार में कटिहार अव्वल है. इसके साथ ही भारत के पड़ोसी देश नेपाल से भी कपड़ा का थोक कारोबार सूरत से होता है. लेकिन, भारत और नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र जोगबनी वाया कटिहार से सूरत के लिए सीधी ट्रेन नहीं रहने से कपड़ा के थोक कारोबारियों को ना केवल आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बल्कि कटिहार रेल मंडल को भी खासकर कपड़ों के कारोबार से होने वाले राजस्व का काफी नुकसान हो रहा है. ट्रेन सं 22233 एनजेपी-पटना वंदे भारत कटिहार से सुबह 07.45 बजे खुलकर पटना 12.10 बजे पहुंचती है. जबकि वापसी में ट्रेन सं 22234 पटना-एनजेपी वंदे भारत दोपहर बाद पटना से 13.00 बजे चलकर कटिहार 17.45 बजे पहुंचती है. यदि यह ट्रेन पटना सुबह दस बजे पहुंचती है और वहां से शाम 6.00 बजे खुलती है तो यहां के लोग एक ही दिन में पटना से खासकर हाई कोर्ट से जुड़े मामलों को निबटाकर अपने घर वापस लौट सकते हैं. इन दोनों ट्रेनों के समय में थोड़ा परिवर्तन कर देने से कटिहार वासियों के लिए ट्रेन काफी लाभप्रद होगी और सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी. ट्रेन सं 22346 गोमतीनगर-पटना वंदे भारत पटना रात 23.45 बजे पहुंचती है. जबकि ट्रेन सं 13245 कैपिटल एक्सप्रेस राजेंद्रनगर से 23.15 बजे खुलती है. इस कारण 22346 गोमतीनगर-पटना वंदे भारत ट्रेन के यात्रियों को 13245 कैपिटल एक्सप्रेस नहीं मिल पाती है. यदि वंदे भारत एक घंटे पहले पटना पहुंचे तो पटना से खुलने वाली कैपिटल एक्सप्रेस से यात्री आगे की यात्रा कर सकते हैं. ट्रेन की इस सुविधा से चार प्रदेशों उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम के यात्री सीधे जुड़ जायेंगे. रेलवे के राजस्व में भी काफी वृद्धि होगी. दक्षिण भारत के लिए कटिहार से एकमात्र ट्रेन सं 15228 मुजफ्फरपुर-यशवंतपुर है. जबकि सीमांचल से जुड़े बड़ी संख्या में बच्चे और उनके परिजन दक्षिण भारत में रहते हैं. दक्षिण भारत के लिए ट्रेन बढ़ाने की जरूरत है. ट्रेन सं 12042 एनजेपी-हावड़ा शताब्दी एक्सप्रेस का परिचालन वाया कटिहार करने से सीमांचल के रेल यात्रियों को काफी लाभ मिलेगा. रेलवे के राजस्व में भी वृद्धि होगी. पूर्व में कटिहार रेलवे स्टेशन से होकर चलने वाली कटिहार-सोनपुर-पटना हरिहरनाथ एक्सप्रेस, गुवाहाटी-लखनऊ जीएल एक्सप्रेस, जोगबनी-प्रयागराज संगम एक्सप्रेस, गुवाहाटी-लखनऊ-अवध तिरहुत मेल, फारबिसगंज-सोनपुर-पटना कोसी एक्सप्रेस और सिलीगुड़ी-वाराणसी एक्सप्रेस ट्रेन का फिर से परिचालन शुरू कराया जाय. कटिहार से बालुरघाट (पश्चिम बंगाल) के लिए डीएमयू का पुन: परिचालन कराया जाय. ताकि चावल व्यवसायियों को इसका लाभ मिल सके. महासचिव ने कटिहार वासियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए मांगों की दिशा में अविलंब कारगर कदम उठाने की मांग की है. पत्र की प्रतिलिपि कटिहार सांसद तारिक अनवर को भी दी गयी है.
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