कटिहार. परिवार नियोजन के तीसरे चरण के आयोजित पखवारे को लेकर सोमवार को जन जागरूकता को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति से सारथी रथ को रवाना किया गया. यह सारथी रथ स्थाई/अस्थाई परिवार नियोजन को लेकर लोगों को जागरूक करेगा. पूरे जिले में यह सारथी रथ घूम-घूम कर प्रचार प्रसार कर लोगों को परिवार नियोजन के लिए जागरुक करते हुए इसके क्या क्या फायदे है. इसके बारे में बतायेगा. 30 नवंबर तक चलने वाले इस मिशन परिवार नियोजन पखवाड़ा में सभी प्रखंड से लेकर जिला मुख्यालय तक परिवार नियोजन को लेकर लक्षित रखा गया है. जिसमें एक प्रखंड को 120 महिलाओं का बंध्यकारण तथा 10 पुरुष नसबंदी को लेकर लक्ष्य रखा गया है. हालांकि जिले में पुरुष नसबंदी को लेकर ज्यादा फोकस किया गया. जिसको लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग का प्रचार प्रसार जारी है. इसी कड़ी में सोमवार को सभी जिले के लिए प्रचार प्रसार को लेकर सारथी रथ को रवाना किया गया. जिला स्वास्थ्य समिति के डीसीएम अश्वनी कुमार मिश्रा ने बताया कि परिवार नियोजन के दूसरे चरण में जिला का कार्य काफी बेहतर रहा है. महिला बंध्याकरण और पुरूष नसबंदी सेवा में कटिहार शीर्ष 10 में रहा. उन्होंने बताया कि 17 सितंबर से 30 सितंबर तक जिले में आयोजित परिवार नियोजन पखवाड़े के दौरान स्थायी सुविधा का लाभ उपलब्ध कराने में कटिहार राज्य में शीर्ष 10 में शामिल रहा. पूरे पखवाड़े में कटिहार में 771 महिलाओं ने बंध्याकरण का लाभ उठाया. महिला बंध्याकरण में कटिहार 74 प्रतिशत उपलब्धि के साथ राज्य में 9वें स्थान पर रहा. पुरूष नसबंदी में पखवाड़े के दौरान 46 पुरुषों ने नसबंदी करायी. पुरूष नसबंदी के मामले में कटिहार 6वें स्थान पर रहा. परिवार नियोजन के स्थायी विकल्पों में पुरुष नसबंदी आसान और सुलभ विकल्प है. जिसका लोग नजदीकी अस्पताल से लाभ उठा सकते हैं. पुरूष नसबंदी के बाद संबंधित लाभार्थी को अस्पताल से 24 घंटे में छुट्टी मिल जाता है. घर में आराम करने के साथ साथ संबंधित लाभार्थी सात दिनों के बाद अपने दैनिक कार्य कर सकते हैं. सरकारी अस्पताल से पुरूष नसबंदी कराने पर लाभार्थियों को 3000 रुपये का सहयोग राशि स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी उपलब्ध कराया जाता है. डीसीएम अश्वनी कुमार मिश्रा ने बताया कि तीसरे चरण के परिवार नियोजन पखवाड़ा में भी जिला बेहतर तरीके से अपने लक्ष्य को पूरा करें. इसको लेकर विभाग के सभी संकल्पित है. परिवार नियोजन के तीसरे चरण के आयोजित पखवारे को लेकर सोमवार को जन जागरूकता को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति से सारथी रथ को रवाना किया गया. यह सारथी रथ स्थाई/अस्थाई परिवार नियोजन को लेकर लोगों को जागरूक करेगा. पूरे जिले में यह सारथी रथ घूम-घूम कर प्रचार प्रसार कर लोगों को परिवार नियोजन के लिए जागरुक करते हुए इसके क्या क्या फायदे है. इसके बारे में बतायेगा. 30 नवंबर तक चलने वाले इस मिशन परिवार नियोजन पखवाड़ा में सभी प्रखंड से लेकर जिला मुख्यालय तक परिवार नियोजन को लेकर लक्षित रखा गया है. जिसमें एक प्रखंड को 120 महिलाओं का बंध्यकारण तथा 10 पुरुष नसबंदी को लेकर लक्ष्य रखा गया है. हालांकि जिले में पुरुष नसबंदी को लेकर ज्यादा फोकस किया गया. जिसको लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग का प्रचार प्रसार जारी है. इसी कड़ी में सोमवार को सभी जिले के लिए प्रचार प्रसार को लेकर सारथी रथ को रवाना किया गया. जिला स्वास्थ्य समिति के डीसीएम अश्वनी कुमार मिश्रा ने बताया कि परिवार नियोजन के दूसरे चरण में जिला का कार्य काफी बेहतर रहा है. महिला बंध्याकरण और पुरूष नसबंदी सेवा में कटिहार शीर्ष 10 में रहा. उन्होंने बताया कि 17 सितंबर से 30 सितंबर तक जिले में आयोजित परिवार नियोजन पखवाड़े के दौरान स्थायी सुविधा का लाभ उपलब्ध कराने में कटिहार राज्य में शीर्ष 10 में शामिल रहा. पूरे पखवाड़े में कटिहार में 771 महिलाओं ने बंध्याकरण का लाभ उठाया. महिला बंध्याकरण में कटिहार 74 प्रतिशत उपलब्धि के साथ राज्य में 9वें स्थान पर रहा. पुरूष नसबंदी में पखवाड़े के दौरान 46 पुरुषों ने नसबंदी करायी. पुरूष नसबंदी के मामले में कटिहार 6वें स्थान पर रहा. परिवार नियोजन के स्थायी विकल्पों में पुरुष नसबंदी आसान और सुलभ विकल्प है. जिसका लोग नजदीकी अस्पताल से लाभ उठा सकते हैं. पुरूष नसबंदी के बाद संबंधित लाभार्थी को अस्पताल से 24 घंटे में छुट्टी मिल जाता है. घर में आराम करने के साथ साथ संबंधित लाभार्थी सात दिनों के बाद अपने दैनिक कार्य कर सकते हैं. सरकारी अस्पताल से पुरूष नसबंदी कराने पर लाभार्थियों को 3000 रुपये का सहयोग राशि स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी उपलब्ध कराया जाता है. डीसीएम अश्वनी कुमार मिश्रा ने बताया कि तीसरे चरण के परिवार नियोजन पखवाड़ा में भी जिला बेहतर तरीके से अपने लक्ष्य को पूरा करें. इसको लेकर विभाग के सभी संकल्पित है.
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