बारसोई के अति प्राचीन प्रसिद्ध श्री विष्णु मंदिर में मनायी गयी छठीयारी
महिलाओं के पारंपरिक सोहर गीत गायन से पूरा वातावरण हो गया भक्तिमय
बारसोई. श्री कृष्ण कन्है.या, लड्डू गोपाल की छठीयारी बारसोई बाजार के अति प्राचीन प्रसिद्ध श्री विष्णु मंदिर में धूमधाम के साथ मनायी गयी. इसको लेकर मंदिर में भव्य आयोजन किया गया. संध्या बेला महिलाओं ने पारंपरिक सोहर गीत गायन से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया. भगवान श्री कृष्णा, राधा रानी, यशोदा मैया आदि का रूप धारण कर छोटे-छोटे बच्चों द्वारा लीलाएं भी प्रस्तुत की गयी. बाल गोपाल को रिझाने के लिए उनके मनपसंद व्यंजन मक्खन के साथ पारंपरिक प्रसाद हलवा, पूड़ी व धनिया के चूर्ण का भोग लगाया गया. मंदिर के पुरोहित रमेश पांडे ने विधि विधान के साथ भगवान बाल गोपाल की पूजा अर्चना की. जिसमें भारी संख्या में महिला-पुरुष श्रद्धालु उपस्थित हुए. भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के छठे दिन शनिवार को रात्रि के समय भगवान कृष्ण की छठी धूमधाम से मनायी गयी. भगवान की छठीयारी को लेकर बारसोई में पुराना इतिहास रहा है. दशकों पहले कार्यक्रम आयोजित किये जाते थे. राधा-कृष्ण की मूर्तियों को नगर भ्रमण कराने के बाद बारसोई बाजार के बीचों बीच से होकर गुजरने वाली महानंदा नदी के मार्ग से भगवान की प्रतिमा को नौका में बैठाकर नौकाविहार कराया जाता था. साथ ही झीझरी खेली जाती थी. भजन कीर्तन गाये जाते थे. पर बाद में नदी में पानी कम हो जान जाने के बाद और अन्य यातायात साधनों के विकसित हो जाने के बाद झीझरी खेलना और नौका विहार बंद हो गया. शनिवार शाम को पूजा अर्चना के बाद महाप्रसाद का वितरण किया गया. जिसे श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में मंदिर कमेटी के अध्यक्ष मुन्नालाल भगत, सचिव अजय कुमार साहा, सुनील कुमार, वीरेंद्र कुमार, पिन्टू गुप्ता, संजीव दास, रोशन अग्रवाल, सागर कुमार साह, आनंद गुप्ता, दुलाल चंद्र साहा उर्फ राकेश, गौतम महतो उर्फ गुल्लू, सुदीप साहा, कृष्णा गुप्ता, प्रकाश पोद्दार, राजेश कुमार साह उर्फ मिट्ठू, पवन अग्रवाल, जयदेव साह, नीरज दास आदि ने मुख्य भूमिका निभायी.
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