कटिहार. महाभारत क्लब छठ घाट बैगना नहर शहरी क्षेत्र का सबसे बड़ा घाट के रूप में जाना जाता है. दीपावली के पहले से ही इस घाट की सफाई का कार्य पूजा समिति की ओर से शुरू कर दिया जाता है. नहर में जमा सरकारी पानी की निकासी, जलकुंभी साफ कर घाट को सूखा कर क्लब के सदस्याें द्वारा निगम को देने के बाद निगम केवल कचरे का उठाव करता है. महाभारत क्लब छठ घाट पूजा समिति के अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष व अन्य सदस्यों का कहना है. महाभारत क्लब छठ घाट पूजा समिति के अध्यक्ष विजय कुमार सोनी की माने तो नहर लम्बाई में होने के कारण यहां पर करीब दोनों साइड से करीब साढे सात से आठ सौ छठव्रती भगवान भास्कर की आराधना करते हैं. नहर के सभी जगहों पर कमर भर पानी रहने के कारण छठव्रती अपने को सुरक्षित महसूस करते हैं. जिसकी वजह से यहां अस्ताचल व उदयीमान सूर्य को अर्घ के समय काफी भीड़ होती है. सदस्यों की माने तो नहर की सफाई की जा चुकी है. कहीं कहीं कीचड़ अब भी जमा है. अगले दो दिन के अंदर इसे भी सफाई करा लिये जाने की बात कही गयी. अध्यक्ष की माने तो क्लब की ओर से सरकारी पानी निकालने, जलकुंभी निकालने के बाद पूरी तरीके से नहर को सूखा कर देने के बाद निगम करीब एक सौ मजदूर से केवल कचरे की सफाई करवाने का कार्य करता है. अंतिम समय में चूना का छिड़काव हर साल निगम द्वारा किया जाता है. पूजा कमेटी के अध्यक्ष, सचिव व कोषाध्यक्ष की माने तो हर वर्ष ईंट का दीवार खडाकर पानी को रोका जाता है. लगभग दो हजार फीट में दोनों तरफ घाट का निर्माण कराया जाता है. अध्यक्ष विजय कुमार सोनी की माने तो पहली अर्घ से एक या दो दिन पूर्व घाट में पानी डाल दिया जाता है. जिससे अर्घ के सुबह पानी उपलब्ध हो सके. चार दिनों तक चार पम्पसेट से क्लब की ओर से पानी भरने का कार्य किया जाता है.
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