मुख्यमंत्री ने पूनम की सफलता की कहानी अपने ऑफिसियल हैंडल पर किया साझा

मुख्यमंत्री ने पूनम की सफलता की कहानी अपने ऑफिसियल हैंडल पर किया साझा

By Prabhat Khabar News Desk | January 3, 2025 6:28 PM

जिंदगी का नया सफर: पूनम कुमारी की संघर्ष और सफलता की कहानी फलका जिले के फलका प्रखंड के पोठिया गांव की जीविका पूनम कुमारी ने अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष के जरिए आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है. पूनम की कहानी न सिर्फ उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन चुकी है. एक समय था जब दहेज की वजह से ससुराल वालों ने गर्भवती अवस्था में पूनम को घर से निकाल दिया था. इस कठिन परिस्थिति में उन्होंने हार नहीं मानी और खुद के पैरों पर खड़ा होने का संकल्प लिया. पूनम ने जीविका समूह से जुड़कर अपने जीवन को एक नई दिशा दी. सबसे पहले उन्होंने जीविका समूह से दस हजार रुपये का ऋण लिया और सिलाई मशीन खरीदकर आय का स्रोत शुरू किया. लेकिन पूनम का संघर्ष यहीं खत्म नहीं हुआ. उन्होंने अपनी मेहनत और आत्मविश्वास के साथ एक और कदम आगे बढ़ाया. जीविका समूह से पचास हजार रुपये का ऋण लिया और पेपर कटोरी प्लेट बनाने की मशीन खरीदी. इसके बाद उन्होंने पत्तल, प्लेट और कटोरी बनाने का काम शुरू किया. आत्मनिर्भर हुई पूनम आज, पूनम हर महीने 15,000 रुपये से अधिक कमा रही हैं. अपने बेटे की परवरिश और उच्च शिक्षा के लिए सक्षम हो चुकी हैं. उनका आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता कदम समाज के लिए एक मिसाल है. उनके संघर्ष और सफलता से यह साफ है कि अगर दिल में मेहनत और संघर्ष करने का जज्बा हो, तो कोई भी मुश्किल रुकावट नहीं बन सकती. मुख्यमंत्री ने पूनम की कहानी साझा की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर पूनम देवी की सफलता की कहानी को साझा करते हुए उनकी हौसला अफजाई की है. मुख्यमंत्री ने इसे संकल्प से सफलता की कहानी के तहत पोस्ट किया, जो यह दर्शाता है कि जीवन के संघर्षों को पार कर सफलता हासिल करना संभव है. पूनम की कहानी उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना कर रही हैं. अपने परिवार को बेहतर जीवन देने के लिए संघर्ष कर रही हैं. पूनम का सफर न केवल एक व्यक्तिगत जीत है. बल्कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. कहते हैं पदाधिकारी बीपीएम प्रति कुमारी ने बताया कि पोठिया की पूनम देवी पहले संघर्ष में जिंदगी जी रही थी. उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. जीविका समूह से जुड़कर कड़ी मेहनत कर इस मुकाम तक पहुंची आज लोगो के लिए एक मिसाल बनी हुई है.

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