बारिश में इस साल फिर से जलजमाव की समस्या झेलेंगे शहरवासी

माॅनसून के दस्तक के साथ ही शहर में जगह-जगह जल का जमा होने से शहरवासी अभी से परेशान हैं. बारिश के दिनों में इस साल फिर से जलजमाव की समस्या से शहरवासियों को दो चार होना पड़ेगा.

By Prabhat Khabar Print | June 28, 2024 11:17 PM

कटिहार. माॅनसून के दस्तक के साथ ही शहर में जगह-जगह जल का जमा होने से शहरवासी अभी से परेशान हैं. बारिश के दिनों में इस साल फिर से जलजमाव की समस्या से शहरवासियों को दो चार होना पड़ेगा. ऐसा इसलिए कि 220 करोड़ से बनने वाला वॉटर स्टार्म ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण का कार्य हर तरफ आधा-अधूरा ही पड़ा हुआ है. ऐसे में झमाझम बारिश के बाद कई सड़कें व मोहल्ले तालाब में तब्दील हो जायेंगे. नगर निगम की ओर से भी मुकम्मल व्यवस्था नहीं करके इससे निबटने के लिए पंपसेट इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है. कई किराये पर पंपिंग सेट से जलजमाव वाले इलाके में पानी निकालने की तैयारी की गयी है. निगम की तैयारी के बाद शहरवासी जलजमाव से निबटने के लिए भगवान पर आस लगाये बैठे हैं. अधिकांश वार्ड पार्षदों का कहना है कि कई ऐसे वार्ड हैं, जहां भारी बारिश के बाद जलजमाव गंभीर संकट बन जाता है. जलजमाव कई दिनों तक रहने के कारण वार्ड के लोगों का जीना दूभर साबित हो जाता है. अलग-अलग वार्डों के लोगों की मानें तो स्टॉम वाॅटर ड्रेनेज निर्माण होने के बाद शहर में जलजमाव की समस्या से निजात मिल सकती थी. लेकिन हर जगहों पर आधे अधूरे कार्य होने की वजह से उनलोगों को ही इससे निबटने के लिए अपने स्तर से तैयारी करनी होगी. कई लोगों ने बताया कि भारी बारिश के बीच जलजमाव के कारण अपना घर छोड़कर किराये पर लेकर रहने तक नौबत चली आती है. इस दौरान बच्चों को स्कूल जाने में जहां परेशानी हो जाती है. दूसरी ओर सरकारी कर्मचारियों को कार्यालय जाने और आने में काफी परेशान होना पड़ता है.

महीनों तक जलजमाव की समस्या से जूझते हैं लोग

45 वाडों में विभक्त नगर निगम के कई वार्ड ऐसे हैं, जहां भारी बारिश के बाद जलजमाव की समस्या गंभीर हो जाती है. वार्ड नंबर- दो शमशेरगंज, वार्ड नंबर- एक मेडिकल कॉलेज जानेवाले पथ, वार्ड नंबर-नौ, वार्ड नंबर- बारह और वार्ड नंबर-चार में अधिक बारिश होने पर महीनों तक जल जमा रहता है. इस दौरान पूजा पाठ करने वाली महिलाओं को मंदिर आने जाने में परेशानी हो जाती है. महंथनगर के कई लोगों की मानें तो आलीशान घर होने के बाद भी कई महीनों तक सड़क पर पानी रहने से वे लोग परेशान हो जाते हैं. खासकर महिलाएं घर में रहने के लिए विवश हो जाती हैं. पर्व त्योहार के समय बारिश होने के कारण उनलोगों को पूजा पाठ करने में काफी परेशानी होती है.

केबी झा कॉलेज के सामने से ड्रेनेज निर्माण की कवायद तेज

मालूम हो कि प्रथम फेज के तहत रोजितपुर आउटफॉल के तहत शहरी क्षेत्र में ड्रेनेज निर्माण कार्य बुडको द्वारा किया जा रहा है. कहीं अतिक्रमण तो कहीं एनओसी नहीं मिलने के कारण अधिकांश जगहों पर आधा-अधूरा कार्य पड़ा हुआ है. महीनों से मापी के बाद भी केबी झा कॉलेज से दुर्गा स्थान तक निर्माण कार्य बंद था उस पर पहल करते हुए कार्य शुरू करा लिया गया. इसी तरह दुर्गा स्थान से महमूद चौक तक, रोजितपुर सहित अन्य जगहों पर निर्माण कार्य अधूरा ही है.

कहते हैं परियोजना निदेशक

कई जगहों पर अतिक्रमण के कारण कार्य प्रभावित हो रहा है. कई जगहों पर एनओसी नहीं मिलने के कारण कार्य बंद है. प्रशासन को इसकी जानकारी देकर कार्य को शुरू कराया गया है. शहर में करीब 25 किलोमीटर स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण होना है. इस कार्य में गति के लिए सहायक अभियंता व कनीय अभियंता को निर्देश दिया गया है.

संजय कुमार मिश्रा, परियोजना निदेशक बुडको

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