आइये, दीपावली में मिट्टी के दीये से घर को करें रोशन
परंपरा को बचाने के लिए युवाओं को जागरूक कर रहा है प्रभात खबर
कटिहार. जिस तरह हवन करने से वातावरण शुद्ध होता है. उसी तरह मिट्टी का दीया जलाने से भी वातावरण शुद्ध होता है. अगर आप अपने घर में मिट्टी का दीया जलाते हैं, तो नकारात्मक ऊर्जा घर से बाहर हो जाती है. शहर के जाने माने पंडित दिनेश शर्मा ने दीपावली में मिट्टी का दीया जलाने को लेकर लोगों को प्रेरित करने के लिए प्रभात खबर की ओर से चलायी जा रही मुहिम से जुड़ते हुए उक्त बातें कही. बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि मिट्टी के दीपक को पंचतत्व का प्रतीक भी माना गया है. इसे जलाने के लिए अग्नि की जरूरत होती है. वहीं वायु की वजह से ही आग जलता है. इसके साथ ही दीपक मिट्टी का बना होता है, जो भूमि का प्रतीक है. मिट्टी के दीये से न सिर्फ घर ही रोशन होती है, बल्कि इसकी रोशनी से कुम्हार समुदाय के घर में भी उजियारा होता है. वास्तु शास्त्र में भी इसका विशेष महत्व है. घर में अखंड दीपक जलाने से वास्तु दोष समाप्त होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दीपावली के पर्व पर मिट्टी के दीये जलाने की परंपरा वर्षों से रही है. मिट्टी के दीये जलाने के फायदे
पंडित दिनेश शर्मा कहते हैं कि दीपावली व अन्य अवसरों पर घर में मिट्टी के दीये जलाने से कई तरह के फायदे होते हैं. मसलन, घर में रोजाना मिट्टी के दीये जलाने हैं, तो साकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मिट्टी के दीये जलाने से सूर्य और चंद्रमा की कमजोरी भी दूर होती है. इसके साथ ही घर के हानिकारक बैक्टीरिया खत्म होते हैं. दीपावली में मिट्टी के दीये जलाने से रोशनी के साथ-साथ इसके लौ में जलकर कीट, पतंगे भी समाप्त हो जाते हैं. मिट्टी के दीये पर्यावरण को किसी भी तरीके से नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. वहीं इलेक्ट्रॉनिक दीये और झालर प्लास्टिक से बने होते हैं, जो प्रकृति व पर्यावरण के लिए ठीक नहीं हैं. इसलिए आइए, इस बार हर घर मिट्टी के दीये से रोशन करें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है