डंडखोरा प्रखंड स्थापना दिवस आज: विभागीय उदासीनता से अधर में लटका है डंडखोरा प्रखंड सह अंचल भवन निर्माण का मामला
चार साल पूर्व अर्जित की गयी है 6.96 एकड़ जमीन
– चार साल पूर्व अर्जित की गयी है 6.96 एकड़ जमीनडंडखोरा. भले ही केंद्र व राज्य सरकार आधारभूत संरचना के सुदृढीकरण एवं निर्माण को लेकर बड़े-बड़े दावा करते रहे हो. पर ऐसा है नहीं. अधिकारियों के मन पर निर्भर करता है कि सरकारी आधारभूत संरचना को कितनी जल्दी में पूरा करें या मामले को लंबित रखें. ताजा मामला जिले के डंडखोरा प्रखंड सह अंचल भवन से जुड़ा हुआ है. डंडखोरा प्रखंड सह अंचल भवन निर्माण को लेकर भूमि अर्जित करने की प्रक्रिया पूरी होने के तीन साल बाद भी भवन निर्माण की दिशा में कोई पहल नहीं हो सकी है. विभागीय उदासीनता की वजह से प्रखंड सह अंचल भवन निर्माण का मामला अब तक अधर में लटका हुआ है. उल्लेखनीय ह कि ग्रामीण विकास विभाग के दिशा निर्देश के आलोक में डंडखोरा प्रखंड सह अंचल भवन निर्माण को लेकर 25 अगस्त 2020 को विभाग से स्वीकृत जमीन को अर्जित करते हुए उप विकास आयुक्त के नाम पर रजिस्ट्री भी हो चुकी है. जिला भू अर्जन कार्यालय ने संबंधित 6.96 एकड़ जमीन को अर्जित करने की प्रक्रिया पूरी करते हुए नामांतरण भी हो चुका है. स्थानीय लोगों की पहल पर करीब दो साल पहले अर्जित की गयी भूमि का म्यूटेशन की प्रक्रिया पूरी की गयी. यह भी उल्लेखनीय है कि डंडखोरा प्रखंड की स्थापना 30 सितंबर 1994 को हुई थी. तब से यह प्रखंड सह अंचल कार्यालय कभी पंचायत भवन में तो कभी ट्राइसेम भवन में संचालित होती रही है. वर्तमान में यह प्रखंड सह अंचल कार्यालय छोटे से ट्राइसेम भवन में संचालित हो रही है. जहां सरकारी कार्यों को क्रियान्वित करने में न केवल परेशानी का सामना करना पड़ता है. बल्कि आम लोगों को भी कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता है. काफी जद्दोजहद के बाद जमीन को चिन्हित करते हुए सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद रजिस्ट्री करने की प्रक्रिया 2020 में पूरी की गयी. लेकिन अब तक प्रखंड सह अंचल भवन निर्माण करने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है. इस बीच डंडखोरा प्रखंड विकास मंच ने मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री सहित संबंधित शीर्ष अधिकारियों को पत्र प्रेषित करते हुए डंडखोरा प्रखंड सह अंचल भवन निर्माण की प्रक्रिया जल्द पूरी करने की मांग की है.
वर्ष 2013 से चली थी मुहिम
यूं तो डंडखोरा प्रखंड सह अंचल भवन की स्थापना तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने 30 सितंबर 1994 को किया गया था. पर इसके भवन निर्माण की प्रक्रिया ग्रामीण विकास विभाग के दिशा निर्देश के बाद वर्ष 2013 में शुरू हुआ. इसकी भी एक अलग कहानी है. जब ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवन के लिए जिला पदाधिकारी को वर्ष 2013 में निर्देश दिया गया था. उस समय तत्कालीन जिला पदाधिकारी ने अधिसूचित क्षेत्र के बजाय दूसरे क्षेत्रों में प्रखंड कार्यालय बनाने की तैयारी में थे. लेकिन डंडखोरा प्रखंड के लोगों ने डंडखोरा प्रखंड विकास मंच की पहल पर डंडखोरा प्रखंड सह अंचल भवन निर्माण संघर्ष समिति का गठन किया.अगस्त 2020 में अर्जित की गयी है 6.96 एकड़ भूमि
यह भी उल्लेखनीय है कि चिन्हित व स्वीकृत भूमि अर्जित करने के लिए तत्कालीन जिला पदाधिकारी ने पत्रांक 492 दिनांक 02-12-2016 द्वारा ग्रामीण विकास विभाग को भू अर्जन के लिये राशि का मांग किया. इस मामले में अब तक हुए विलंब पर विभाग ने डीएम से स्पष्टीकरण मांग दिया. डीएम के द्वारा पत्रांक 525 दिनांक 20 दिसंबर 2016 को स्पष्टीकरण का जवाब देते हुए 2.7 करोड़ की राशि की मांग की. विभाग नेे स्वीकृत आदेश संख्या 305145 दिनांक 23 मार्च 2017 के आलोक में विभाग के ने ज्ञापांक 305767 दिनांक 27-3-2017 के माध्यम से डीएम द्वारा मांगी गयी राशि भू अर्जन के लिये आवंटित कर दी. अब तक भू-अर्जन के लिए डीएम द्वारा मांगी गयी. कुल राशि 5.45 करोड़ आवंटित हुई. राशि आवंटित होने के बाद भी यह मामला कई सालों तक लंबित रहा. डंडखोरा के तत्कालीन प्रमुख पूनम देवी ने प्रखंड सह अंचल भवन निर्माण के लिए भूख हड़ताल पर भी बैठी थी. इस बीच तत्कालीन जिला पदाधिकारी कंवल तनुज के पहल पर स्वीकृत भूमि अर्जित करने की प्रक्रिया में तेजी आयी तथा 25 अगस्त 2020 को ग्रामीण विकास विभाग के दिशा निर्देश के आलोक में उप विकास आयुक्त के नाम से जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी की गयी.
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