नियम को ताक पर रख शहर में हो रहा निर्माण कार्य
निर्माण के बाद नियमित नहीं डाला जा रहा पानी, पार्षद उठा रहे सवाल
कटिहार. नगर निगम सरकार गठन के बाद करीब 18-19 माह में विकास कार्य काफी तेजी से हुए हैं और हो रहा है. खासकर नाला व सडक निर्माण के मामले में भले ही अधिक कार्य हुए हैं. हो रहे नाले व सड़क निर्माण कार्य में गुणवत्ता व मजबूती के विरोध में पार्षद से लेकर आमजन के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. खासकर नाला व सड़क निर्माण कार्य केवल तोड़-जोड़ की ढरे पर हो रहा. कहा जाये तो अतिश्योक्ति नहीं होगी. पार्षदों का कहना है कि ऐसा इसलिए कि बैशाख के तपती धूप में नगर निगम के द्वारा अनेकों पथ और नाली का निर्माण कराये जा रहे हैं. लेकिन समय पर तय समय तक पानी नहीं डालने की वजह से नाला व सड़क निर्माण की गुणत्ता भले ही हो. लेकिन मजबूती को लेकर दावा किया जाना शहरवासियों के साथ बेमानी साबित होगी. वार्ड नम्बर 37 के पार्षद शोभा देवी, वार्ड दो के पार्षद प्रतिनिधि अमिदुज्जमान समेत कई अन्य पार्षदों ने सीधे सीधे निगम के अभियंत्रण विभाग पर आरोप लगाया है. इनलोगों की माने तो निगम को विकास के पथ पर अग्रसर करने वाली संस्था नगर निगम का अभियंत्रण विभाग संवेदकों का एकरारनामा कर कार्य संचालन की चिट्ठी थमा देती है. लेकिन संवेदक क्या कर रहे है. इसकी खोज खबर नहीं लिया जाता है. पीसीसी ढलाई के बाद नियमतः उस ढलाई के ऊपर पानी नित्य दिन करीब 15 दिनों तक डालना पड़ता है. विडम्बना यह है कि ढलाई के प्रथम दिन के बाद संवेदक द्वारा न तो पथ निरीक्षण किया जा रहा है न ढलाई पर जलजमाव का इंतजाम किया जा रहा है, न कनीय अभियंता (बीट अफसर) ही निरीक्षण करते है. जिसके वजह से पथ, स्लैब तथा नाली का स्टेन्थ, मजबूती खत्म हो जाती है. जिसका नतीजा है कि पुन: साल दो साल के बाद निर्माण कार्य करना पड़ता है.
सड़क की चौड़ाई पर नहीं दिया जाता ध्यान
आमजनों की माने तो निगम क्षेत्र के कई वार्डों में सड़क निर्माण के दौरान सड़क की चौड़ाई पर ध्यान नहीं दिये जाने की वजह से अतिक्रमित रह जाती है. इससे स्टीमेट पर भी सवाल खड़ा होने लगता है. नाला निर्माण के दौरान पूर्व के ही नक्शे पर पुन: निर्माण कार्य कराकर कार्य पूरा कर लिये जाने का प्रमाणपत्र देकर राशि निकासी करा ली जाती है. पार्षदों की माने तो अधिकांश जगहों पर सड़क निर्माण के लिए शिलान्यास के महीनों बीतने के बाद भी आज तक एक टोकरी मिट्टी तक नहीं डाला जा सका है. जिसका नतीजा है कि उक्त मोहल्ले के लोगाें के गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है.कहते हैं नगर आयुक्त
नगर आयुक्त कुमार मंगलम ने बताया कि नाला से लेकर सड़क निर्माण कार्य के दौरान गुणवत्ता से लेकर मजबूती तक का ख्याल रखा जाता है. निर्माण कार्य के दौरान संवेदक को दिशा निर्देश के साथ विभागीय पदाधिकारी कार्यस्थल पर पहुंचकर जायजा लेते हैं. संवेदक की निगरानी में कार्य पूरा हो इसका पूरा पूरा ख्याल रखा जाता है. ढलाई के बाद नित्यदिन पानी डालने का आदेश संवेदक को दिया जाता है. आमजनों को भी इसका ख्याल रखना चाहिए कि जहां निर्माण कार्य पूरा हुआ है. उससे बचा कर दूसरे रास्ते का उपयोग करें. इससे मजबूती मिलेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है