भरी सदन में पार्षद ज्ञानती देवी ने दिया सशक्त स्थायी समिति पद से इस्तीफा
भरी सदन में पार्षद ज्ञानती देवी ने दिया सशक्त स्थायी समिति पद से इस्तीफा
गहमा गहमी के बीच नगर निगम बोर्ड की हुई सामान्य बोर्ड की बैठक – पार्षद निधि के बदले पार्षद वार्ड विकास योजना पर सहमति जताई गई कटिहार नगर निगम बोर्ड की सामान्य बैठक काफी गहमा गहमी के बीच हुई. निगम बोर्ड की सामान्य बैठक की अध्यक्षता मेयर उषा देवी अग्रवाल ने की. बैठक के दौरान कई पार्षदों ने मांगों को लेकर आवाज बुलंद किया. खासकर पार्षद निधि को लेकर बवाल काटा गया. पार्षद प्रमोद महतो ने जोर दिया कि चार माह पूर्व लगभग एक सौ बीस दिन पूर्व आम सभा हुई थी. उसकी संपुष्टी नहीं हुई है. पार्षद निधि पर दो तीन बार बैठक हो गयी है. सबकी सहमति के बाद नगर आयुक्त को निर्देश दिया गया था. उसको निबटारा करने का आदेश दिया गया. अब तक क्यों नहीं हो पाया इसको लेकर भी खूब गरजे. वार्ड नम्बर तीस के पार्षद व संजय महतो ने पार्षद निधि का अब तक क्रियान्वयन नहीं करने को लेकर जोर दिया. उनलोगों ने बताया कि दूसरे निगम में पार्षद निधि को लेकर करने पर जोर दिया. जबकि इसकी मार्गदर्शिका आ गयी है कि किस मद में कैसे दूसरे निगम में पार्षद निधि का संचालन हो रहा है. डिप्टी मेयर मंजूर खान ने पार्षद निधि को लेकर सभी को आश्वासन दिया कि इसके बदले हुए नाम पार्षद विकास योजना के नाम से सहमति बनी. जिसके तहत पन्द्रहवीं, छठी में भी फंड आयेगा. उसमें भागीदारी वार्ड पार्षदों को विकास के लिए दी जायेगी. निगम निधि से भी राशि उपलब्ध कराने पर बल दिया गया. टेंडर को ऑफलाइन प्रक्रिया की मांग पर मेयर उषा देवी अग्रवाल द्वारा बताया गया कि विभाग के निर्देश के बाद इस पर निर्णय लिया जा सकता है. फिलहाल विभागीय व ई टेंडरिंग के माध्यम से ही टेंडर कराने की बात कही गयी. इस दौरान गत बैठक की संपुष्टी नहीं हुई थी. उसका भी संपुष्टी की गयी. मौके पर एमएलसी अशोक कुमार अग्रवाल, करीब सभी पार्षद व अन्य विभागीय पदाधिकारी मौजूद थे. भरी सदन में वार्ड नम्बर 21 की पार्षद ने मेयर को दी सशक्त स्थायी समिति पद से इस्तीफा वार्ड नम्बर 21 के पार्षद ज्ञानती देवी ने कई गंभीर आरोप लगाते हुए सशक्त स्थायी समिति पद से सोमवार को नगर निगम बोर्ड के सामान्य बैठक के दौरान इस्तीफा मेयर उषा देवी अग्रवाल काे दी. दिये गये इस्तीफे पत्र में बताया कि सशक्त स्थायी समिति की लगभग दो वर्षों सेसदस्य है. लोकतांत्रिक व्यवस्था में वे चुनाव जीतकर पार्षद बनी तथा उन्हें सशक्त स्थायी समिति का सदस्य भी निवार्चित किया गया. लेकिन दुर्भाग्य है कि नगर निगम से लेकर सशक्त स्थायी समिति तक केवल अनैतिकता भ्रष्टाचार ही भरा हुआ है. जिसका जिक्र पूर्व में मौखिक रूप से कर चुकी है. जिसमें नियम व कानून को ताख पर रखकर कई कार्य किये गये हैं. लाइट की खरीदारी अनियमितता, नियुक्तियों में नियम कानून को ताक पर रखकर की गयी है. समेत कई गंभीर आरोप लगाकर आवेदन के माध्यम से इस्तीफा दी हूं. इधर मेयर उषा देवी अग्रवाल ने बताया कि मुझे इस्तीफे को लेकर आवेदन दी गयी है. इसे बैठकर मामले का निबटारा कर लिया जायेगा.
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