धरातल पर उतरने से महज एक कदम दूर रह गया पार्षद निधि
धरातल पर उतरने से महज एक कदम दूर रह गया पार्षद निधि
– पार्षदों को उम्मीद 20 जनवरी को होनेवाली बैठक में खुल सकती है संचिका – दो दिन पूर्व हुई बैठक में दिया गया आश्वासन, लिए गए कई निर्णय कटिहार पार्षदों की चिर प्रतिक्षित मांग पार्षद निधि धरातल पर उतरने से महज एक कदम दूर रह गया है. पार्षदों को उम्मीद है कि 20 जनवरी को आयोजित होने वाली बैठक में पार्षद निधि को लेकर संचिका खुल सकती है. इससे वार्ड के सभी पार्षदों को प्रतिवर्ष एक करोड़ रूपये से वार्ड में विकास कार्य किया जा सकेगा. ऐसा 13 जनवरी को आयोजित पार्षद निधि को लेकर हुई विशेष बैठक में शामिल कई पार्षदों की उम्मीद है. मालूम हो कि उक्त बैठक में सात पार्षदों का प्रतिनिधिमंडल शामिल थे. पार्षदों का कहना है कि उक्त बैठक में मेयर उषा देवी अग्रवाल, एमएलसी अशोक कुमार अग्रवाल, उपमेयर मंजूर खान, नगर आयुक्त संतोष कुमार शामिल थे. बताया गया कि उक्त बैठक में पार्षदों के प्रतिनिधिमंडल के साथ पार्षद निधि को लेकर सर्वसम्मति से आम सहमति से यह निर्णय लिया गया था कि 14 जनवरी के बाद मोहर लगा दिया जायेगा. साथ ही पार्षद निधि के माध्यम से पार्षदों द्वारा अनुशंसित तत्काल प्रभाव से दो-दो योजनाओं का क्रियान्यन प्रत्येक वार्ड में करा दिया जायेगा. कई पार्षदाें द्वारा पार्षद निधि लागू करने के निर्णय को लेकर बनी सहमति के लिए सभी पदाधिकारी एवं नगर आयुक्त सहित निगम परिवार को साधुवाद भी दिया था. हालांकि पार्षद निधि के आलेख अब तक नहीं खुलने पर कई पार्षदों में अब भी आक्रोश है. कई पार्षदों में इस बात की चर्चा है कि योजना विभागीय होगा या फिर आउटडोर से इसको भी सामने लाने को लेकर अब तक असमंजस्य की स्थिति बरकरार है. बहरहाल पार्षदों के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल अब बीस जनवरी को होने वाली बोर्ड की बैठक को लेकर निगाहें टिकाये हुए हैं. बीस जनवरी की बैठक में क्या पार्षद निधि की संचिका खोली जायेगी या फिर किसी तारीख दिया जायेगा. इसको लेकर उन पार्षदों में ऊहापोह की स्थिति हैं. जिन्होंने 13 जनवरी को होनेवाली बैठक में शामिल नहीं हो पाये थे. पार्षद निधि नहीं होने की वजह से विकास कार्य प्रभावित —————————————————————— कई पार्षदों ने नाम नहीं छापने की शर्त बताया कि पार्षद निधि नहीं होने की वजह से वार्ड में विकास कार्य प्रभावित हो रहा है. पार्षद को अपना फंड नहीं होने की वजह से एक दूसरे पर आश्रित होना पड़ता है. बोर्ड की बैठक में पार्षदों से वार्ड की समस्याएं मांगी जाती है. सभी वार्ड पार्षद द्वारा अपने अपने वार्ड की समस्याओं को लेकर योजनाबद्ध उपलब्ध करायी जाती है. किसी वार्ड में अधिक किसी वार्ड में कम विकास कार्य होने की वजह से अपने आपको ठगे महसूस करते हैं. पार्षद निधि संचिका खुल जाने के बाद वार्ड में विकास की रफ्तार गति आयेगी.
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