नगर निगम की स्वयतता बरकरार को लेकर पार्षदों ने दिखायी एकजुटता

शोधन विधेयक 2024 को पार्षदों ने बताया काला कानून

By Prabhat Khabar News Desk | July 30, 2024 10:33 PM

कटिहार. नगर पालिका संशोधन विधेयक 2024 काला कानून को पारित करने के विरुद्ध में नगर निगम के महापौर उषा देवी अग्रवाल एवं उपमहापौर मंजूर खान की अध्यक्षता में पार्षदों की एक बैठक हुई. बैठक में विगत दिनों 23 जुलाई 24 को बिहार विधानमंडल में नगर पालिका संशोधन विधेयक 2024 को पारित कर नगर पालिका के शक्तियों को छीनने के विरोध में चरणबद्ध आंदोलन चलाने का निर्णय लिया गया. उपस्थित पार्षदों के सर्वसम्मति से प्रस्तावित निगम बोर्ड की बैठक में संशोधन विधेयक 2024 पारित करने के विरोध में प्रस्ताव पारित करने का निर्णय लिया गया. साथ ही पार्षदों ने एक स्वर में इस संशोधन विधेयक 2024 को काला कानून बताते हुए इसे नगर पालिका के स्वायतता पर हमला बताया. मालूम हो कि संशोधित विधेयक के अधिनियम की धारा 27 आ की उपधारा दो को संशोधित किया गया है. पूर्व में महापौर के पर्यवेक्षण में नगर आयुक्त को नगर पालिका प्रशासन चलाने का अधिकार प्राप्त था. लेकिन इस काला कानून के साजिश के तहत महापौर के पर्यवेक्षण वाले शब्द को विलोपित कर दिया गया. धारा 52 में एक उपधारा पांच जोड़ा गया है. इसके तहत यह निर्णय लिया गया है कि राज्य सरकार जो भी नियम या निर्देश पारित करेगी. उसके विरुद्ध कोई भी प्रस्ताव पारित या विचारणीय नहीं होगा. धारा 60 में पहले एजेंडा कार्यवृत महापौर तैयार करती थी. अब एजेंडा तैयार करने का अधिकार नगर आयुक्त को दे दिया गया है. यह विधेयक लोकतंत्र पर कुठाराघाट, काला बिल तथा लेनिनवादी फरमान के अलावा कुछ नहीं है. उनलोगों ने आग्रह किया किया है कि उपरोक्त काला कानून बिहार नगर पालिका विधेयक संशोधन 2024 को तत्काल वापस लिया जाय. ताकि नगर निगम की स्वयतता बरकरार रहे. इस मौके पर उपमहापौर मंजूर खान, पार्षद मनीष घोष, नितेश सिंह निक्कू, ज्ञानती देवी, संजय महतो, प्रमोद महतो, शोभा देवी, प्रताप सिंह, दिनेश पाण्डेय, मूर्तजा, असद इक़बाल, पूनम देवी, रूबी देवी एवं सभी पार्षद मुख्य रूप से उपस्थित थे.

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