कड़ाके की ठंड के बावजूद नहीं हो सका अलाव की व्यवस्था, गरीब परेशान

कड़ाके की ठंड के बावजूद नहीं हो सका अलाव की व्यवस्था, गरीब परेशान

By Prabhat Khabar News Desk | January 2, 2025 6:29 PM

प्रतिनिधि, कटिहार पछुवा हवा की वजह से कनकनी वाली ठंड पड़ने से लोग परेशान है. इस ठंड का असर सबसे अधिक बच्चों व वृद्धों पर पड़ रहा है. बड़ी संख्या में लोग बीमार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. सदर अस्पताल में सर्दी, बुखार, खांसी के मरीज सबसे अधिक पहुंच रहे हैं. ऐसे में चिकित्सक दवा के साथ लोगों को ठंड से बचने की सलाह दे रहे हैं. ठंड बढ़ने की वजह से मार्केट में भी इसका असर पड़ा है. गर्म कपड़ों व इलेक्ट्रॉनिक समान रूम हीटर, गीजर आदि को छोड़ सभी दुकानों में मंदी छायी हुई है. जबकि ठंड बढ़ने से सबसे अधिक बिक्री गर्म कपड़ों की हो रही है. मॉल सहित दुकानों में स्वेटर, जैकेट, रजाई, कंबल आदि की खूब बिक्री हो रही है. गर्म कपड़े के कारोबारियों का मामना है कि जितना ठंड में इजाफा होगा उतना अधिक इन समानों की बिक्री होगी. हालांकि अभी दिसंबर पूरे माह में ठंड कम पड़ने की वजह से गर्म कपड़ों के कारोबारियों में निराशा थी. पर साल के पहले दिन से ही कड़ाके की पड़ रही ठंड से गर्म कपड़ों के कारोबार में जबरदस्त तेजी आ गयी है. स्कूली ड्रेस गर्म कपड़ों की दुकानों में पर भी काफी संख्या में लोग खरीदारी करने पहुंच रहे हैं. अधिकतम 21 तो न्यूनतम 11 डिग्री सेल्सियस रहा तापमान तापमान में गिरावट के असर पछुवा हवा तेज चलने की वजह बतायी जा रही है. गुरुवार को धूप खिली पर धूप में गर्मी नहीं थी. तेज हवा से लोगों का धूप में बैठना मुश्किल हो रहा था. गुरुवार को अधिकतम तापमान 21 डग्री तो न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रेकार्ड किया गया. मौसम विभाग के अनुसार 15 जनवरी तक ठंड में इसी तरह से उतार चढ़ाव जारी रहेगा. कड़ाके की पड़ रही ठंड के कारण मजदूर वर्ग के लोगों की परेशानी को बढ़ा कर रख दिया है. प्रतिदिन कमाने वाले लोगों को काम पर जाना मुश्किल साबित हो रहा है. वहीं किसानों को भी खेती करने में परेशानी हो रही है. बच्चों को सुबह स्कूल जाने में हो रही परेशानी छेटे-छोटे बच्चों को ठंड में स्कूल पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अभी भी जिला प्रशासन की ओर से स्कूल खुलने के टाइमिंग में किसी तरह का केाई बदलाव नहीं किया गया है. जिसके कारण बच्चों को स्कूल पहुंचने में परेशानी हो रही है. अलाव की नहीं हो सकी व्यवस्था कड़ाके की ठंड के बावजूद अलाव की व्यवस्था नहीं की जा सकी है. यहीं नहीं कंबल का भी वितरण अब तक शुरू नहीं हो सका है. गरीबों को सबसे अधिक परेशानी उठानी पड़ रही है. चौक-चौराहे पर अलाव की व्यवस्था कराने की मांग लगातार की जा रही है.

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