कटिहार: जिले के फलका थाना में पदस्थापित दो पुलिस कर्मी मंगलवार को कोरोना पॉजिटिव तथा बारसोई अनुमंडल के 17 पुलिस पदाधिकारी सोमवार को कोरोना संक्रमित पाये गये, जबकि इससे पूर्व कटिहार जिले एवं उसके अनुमंडलों में कुल अठारह कोरोना संक्रमित मरीज पाये गये थे. जिले में कुल 37 पुलिस पदाधिकारी व पुलिस बल अबतक कोरोना संक्रमित पाये गये हैं, जिनमें बारसोई एसडीपीओ सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी व पुलिस बल शामिल थे. हालांकि पूर्व से संक्रमित अधिकांश पुलिस पदाधिकारी व पुलिस बलों का इलाज के बाद उनकी ब्लड जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी, जिसके बाद वह ड्यूटी पर भी वापस लौट गये. कुछ एक पुलिस पदाधिकारी का अब भी इलाज जारी है.
जिले में कोरोना जिस प्रकार अपना पांव पसार रही है, ऐसे में पुलिस पदाधिकारी की सजगता ही उसे इस संक्रमण से बचा सकती है. कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को लेकर जिले के पुलिस पदाधिकारियों की भी मुश्किलें दिनों दिन बढ़ती जा रही है. जिले में लॉ एंड ऑर्डर कायम रखना, कांड का निष्पादन, ट्रैफिक व्यवस्था सुढृढ़ करना सहित आम लोगों की कई समस्या का निदान पुलिस को ही करना है. ऐसे में जिला प्रशासन की ओर से उपलब्ध करायी गयी थानों व अन्य पुलिस कार्यालय में उपलब्ध कराये गये संसाधन पर कोरोना जैसे वैश्विक संक्रमण से किस प्रकार बचाव संभव नहीं है क्योंकि हर घंटे थाना में कोई न कोई फरियादी पहुंचता रहता है. किसी प्रकार की घटना हुई तो दर्जनों लोग एकजुट होकर थाना में पहुंच जाते है. इसके अलावे अगर कोई अापराधिक घटनाएं घटती है तो पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए छापेमारी करती है, ऐसे में अपराधी अगर कोरोना संक्रमित हो तो निश्चित तौर पर पुलिस पदाधिकारी या फिर पुलिस बल भी संक्रमित हो जायेंगे. आवश्यकता है कि उन मामलों में सैनिटाइजर, मास्क का उपयोग करने से बच सकते हैं.
जिले में पुलिस पदाधिकारियों में बढ़ती कोरोना संक्रमण की घटना के बावजूद जिला प्रशासन की ओर से न तो थाना को सैनिटाइज्ड ही किया जाता है और न ही थाना को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोई खास व्यवस्था की गयी है. ऐसे में पुलिस पदाधिकारी का कोरोना संक्रमित पाया जाना कोई बड़ी बात नहीं.
24 घंटे पुलिस पदाधिकारी लोगों की सेवा में रहते हैं तैनात : कोविड-19 को लेकर जिले में लगे 70 दिनों से अधिक लॉकडाउन में आमलोग अपने घरों में ही बंद रहे, पुन: जिले में 14 व संपूर्ण राज्य में 16 जुलाई से 31 जुलाई तक लॉक डाउन कर दिया गया है. लॉक डाउन मे आवश्यक पदों पर तैनात पदाधिकारी व कर्मी के ही कार्यालय खुले है, शेष राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार की सभी कार्यालय को बंद करने का निर्देश दे दिया गया है. ऐसे में आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी को लेकर ही लोग बाहर निकलते है. लेकिन पुलिस चौबीस घंटे मुस्तैदी से ड्यूटी पर तैनात हैं.
लॉक डाउन के अनुपालन को लेकर पुलिस गश्त कर रही है, पुलिस माइकिंग कर लोगों को लॉक डाउन में अपने घरों में रहने की अपील कर रही है. कोरोना काल में भी जिले में जमीनी विवाद, आपसी विवाद, वर्चस्व की लड़ाई, चोरी, लूट, डकैती, दुर्घटना सहित अन्य घटना होती आ रही है. जिसमें पुलिस मुस्तैदी से कार्रवाई भी की और सभी घटनाओं की अनुसंधान व पुलिस कार्रवाई भी जारी है. जिले के लॉ एंड आर्डर संधारण तो पुलिस करती है, इसके अतिरिक्त घरेलू मसले को भी पुलिस को सुलझाना पड़ता है, पति का पत्नी से झगड़ा की शिकायत तो पुलिस, पड़ोसी का किसी पड़ोसी से झगड़ा हो तो पुलिस, भाई का भाई से झगड़ा हो तो पुलिस इसके अलावे अन्य घटना में भी लोगों को पुलिस का ही सहयोग चाहिए.
ऐसे में पुलिस का संक्रमण होना साथ ही इलाजोपरांत कार्य पर वापस लौटना कोई बड़ी बात नहीं है. कोविड -19 में भी यह पुलिस पदाधिकारी आपकी सुरक्षा एवं आपकी सेवा में 24 घंटे मुस्तैदी से तैनात रहती है. आमलोगों के बीच, भीड़ भाड़ इलाके को नियंत्रित करने, घटना या दुर्घटना पर रोष प्रकट करने वालों की भीड़, जिले में अापराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने के साथ साथ अपराधियों पर नकेल तथा विधि संधारण तथा घटनाओं में छापेमारी कर अपराधियों की गिरफ्तारी भी करती आ रही है. ऐसे में पुलिस पदाधिकारी व पुलिस बलों सजगता से कोरोना संक्रमण से बच सकते है.