मानवीय प्रेम और वीरता के पर्याय हैं दिनकर : डॉ जितेश

उर्वशी व संस्कृति के चार अध्याय उनकी कृति पर हिन्दी साहित्य को गर्व

By Prabhat Khabar News Desk | September 23, 2024 8:39 PM

कटिहार. केबी झा कॉलेज में सोमवार को हिंदी विभाग की ओर से राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती मनायी गयी. हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ जितेश कुमार ने दिनकर के व्यक्तित्व और कृतित्व को लेकर विशेष व्याख्यान दिया. उन्होंने बबताया कि 23 सितंबर को प्रतिवर्ष राष्ट्रकवि दिनकर की जयंती मनायी जाती है. उनकी रचनाओं में राष्ट्रीय भावना के स्वर मिलते हैं. वीर रस से ओत:प्रोत उनकी रचनाएं आज भी हमारे अंतःकरण को ओज और तेज से भरने में सहायक है. डॉ जितेश कुमार ने कहा कि दिनकर ने हिंदी साहित्य को उपकृत नहीं किया है. बल्कि दिनकर को पाकर हिंदी साहित्य स्वयं उपकृत हुआ है. उर्वशी और संस्कृति के चार अध्याय उनकी महानतम कृति है जिस पर पूरे हिंदी साहित्य को गर्व है. दिनकर सच मायनों में मानवीय प्रेम और वीरता के पर्याय कवि हैं. दिनकर होना अपने आप में साहित्यिकता की पराकाष्ठा है. इस अवसर पर हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डॉ नूतन कुमार झा ने सभी बच्चों को दिनकर की कुछ कविताएं सुनायी. साथ ही उन्होंने कहा कि दिनकर का जीवन कई प्रेरणाओं से भरा जीवन है. एक मानववादी कवि के रूप में उनकी कविताओं में आनंद की भी उदात्तता मिलती है. इस आयोजित कार्यक्रम में सेमेस्टर एक और अन्य सत्र के प्रिया, आयुष, रिमझिम, कल्पना, गुंजा, साक्षी, ललित, सूमो, महेश, नीतीश आदि छात्र- छात्राएं उपस्थित रहीं.

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