वर्षांत@ 2024: जिला शिक्षा विभाग को नहीं मिल सका अपना भवन
जिला शिक्षा विभाग को नहीं मिल सका अपना भवन
– दूसरे विभाग के भवन में संचालित हो रहा है शिक्षा विभाग का कार्यालय – बुनियादी सुविधाओं का भी घोर अभाव, किराये के रूप में देना पड़ रहा है मोटी रकम कटिहार. जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाले नये वर्ष के स्वागत को लेकर तरह-तरह की प्लानिंग चल रही है. दूसरी तरफ वर्ष 2024 की विदाई की घड़ी भी अब नजदीक आ गयी है. यानी 36 घंटे बाद यह साल विदा हो जायेगा तथा नये वर्ष का स्वागत किया जायेगा. नये साल के स्वागत की तैयारी के बीच तरह तरह की चर्चाएं भी रही है. दरअसल इस साल कुछ परियोजना तो पूरी हुई है. पर अभी भी कई परियोजना को जमीन पर उतारना बाकी है. पिछले कई वर्षों से स्थानीय शिक्षा जगत में यह उम्मीद जतायी जा रही है कि कटिहार जिला शिक्षा विभाग का अपना भवन होगा. पर इस साल भी यह अपेक्षा पूरी नहीं हुई. राज्य सरकार के दिशा निर्देश के आलोक में हाल के वर्षों में कई प्रशासनिक भवन बनाये गये है. समाहरणालय के समीप होमगार्ड मैदान के आसपास खेल भवन सहित कई सरकारी कार्यालय का भवन निर्माण कराया गया. पर बच्चों में शिक्षा उपलब्ध कराने वाले विभाग को जिला स्तर पर कोई अधिकृत कार्यालय भवन नहीं होने की वजह से विभागीय अधिकारी- कर्मचारी के अलावा लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ती है. यहां तक की जिला शिक्षा पदाधिकारी का कार्यालय भी विस्थापन का दंश झेल रहा है. यह भी उल्लेखनीय है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय के अलावा शिक्षा विभाग द्वारा बिहार शिक्षा परियोजना, मध्याह्न भोजन योजना, शिक्षा स्थापना, साक्षरता का कार्यालय अलग-अलग भवन में संचालित हो रहा है. इनमें से मध्याह्न भोजन योजना एवं बिहार शिक्षा परियोजना व प्रारंभिक शिक्षा का कार्यालय मोटी रकम के किराये पर चल रहा है. जबकि शेष अन्य कार्यालय दूसरे विभागों के भवन में किसी तरह संचालित हो रहा है. डीइओ कार्यालय में नहीं है बुनियादी सुविधा डीईओ कार्यालय महेश्वरी एकेडमी के द्वारा दिये गये भवन में चल रहा है. किसी विद्यालय के रहमो करम पर जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय के संचालन किया जा रहा है. इस कार्यालय में बुनियादी सुविधा का घोर अभाव है. डीईओ के कार्यालय में शौचालय सहित अन्य बुनियादी सुविधा का घोर अभाव है. कार्यालय में पदस्थापित अधिकारियों व कर्मचारियों को बुनियादी सुविधा नहीं होने की वजह से काफी परेशानी उठाना पड़ता है. डीइओ के चेंबर में शौचालय बनाया गया है. पर कर्मचारियों के लिए शौचालय और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा का संकट है. विस्थापन का दंश झेल रहा है डीइओ कार्यालय दरअसल, स्थानीय शिक्षा विभाग के लिए अपना कार्यालय भवन अभी भी दिवास्वपन बना हुआ है. खासकर वर्षों से जिला शिक्षा पदाधिकारी का कार्यालय विस्थापन का दंश झेल रहा है. उल्लेखनीय है कि पहले यह कार्यालय समाहरणालय में संचालित हो रहा था. उसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी का कार्यालय मनिहारी मोड के समीप स्थित इंदिरा गांधी जिला पुस्तकालय पुस्तकालय भवन में शिफ्ट हुआ. लेकिन जब स्थानीय लोगों एवं बुद्धिजीवी ने पुस्तकालय के अस्तित्व पर सवाल उठाते हुए धरना प्रदर्शन किया तो जिला शिक्षा पदाधिकारी को यहां से अपना कार्यालय हटाना पड़ा. यहां के बाद डीइओ कार्यालय महेश्वरी अकादमी में शिफ्ट हुआ. तब से यही डीईओ कार्यालय संचालित हो रहा है. लेकिन जरूरी सुविधा नहीं होने से कर्मचारी व अधिकारी को परेशानी झेलना पड़ता है. दूसरी तरफ हरिशंकर नायक उच्च विद्यालय के परिसर में जिला साक्षरता व माध्यमिक शिक्षा का कार्यालय संचालित हो रहा है. इसे भी अपना भवन नहीं है. केस स्टडी-1, किराये पर है एसएसए व एमडीएम कार्यालय ————————————————————– प्रारंभिक शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने एवं उसको लेकर सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देश का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए बिहार शिक्षा परियोजना तथा प्रारंभिक शिक्षा का जिला स्तरीय कार्यालय आंबेडकर चौक से तेजा टोला जाने वाले पथ के बीच में है. यह कार्यालय निजी मकान में किराये पर लेकर चलाया जा रहा है. विभाग द्वारा किराये के रूप में मोटी रकम अदा की जाती है. जबकि सरकारी भवन होने से सरकारी राजस्व की भी बचत होगी. दूसरी तरफ शहर के मिरचाईबाड़ी के एक निजी मकान पर किराये में जिला मध्याह्न भोजन योजना का कार्यालय संचालित हो रहा है. यहां भी किराये के रूप में मोटी रकम अदा की जाती है. सरकारी भवन नहीं रहने की वजह से एमडीएम कार्यालय किराये के मकान में चल रहा है. केस स्टडी -2, दूसरे के भवन में संचालित स्थापना, लेखा-योजना ———————————————————————— शिक्षा विभाग के जिला स्थापना कार्यालय अनुमंडल परिसर स्थित भूमि सुधार उपसमाहर्ता के कार्यालय भवन के समीप संचालित हो रही है. दिन में भी अंधेरा दिखता है. शिक्षा स्थापना के कार्यालय में भी बुनियादी सुविधा का कोई घोर अभाव है. स्थानीय कार्यालय कर्मी तथा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी व अन्य अधिकारी को बुनियादी सुविधा नहीं होने से परेशानी का सामना करना पड़ता है. समाहरणालय के समीप हरिशंकर नायक विद्यालय परिसर में प्रखंड संसाधन केंद्र बनाया गया है. प्रखंड संसाधन केंद्र सदर प्रखंड अंतर्गत शिक्षा विभाग की गतिविधियों को संचालित करने के उद्देश्य बनाया गया है. पर इस प्रखंड संसाधन केंद्र में पिछले एक वर्ष से शिक्षा विभाग के लेखा एवं योजना का कार्यालय चल रहा है. शिक्षा विभाग से जुड़ी महत्वपूर्ण योजनाओं का संचालन लेखा एवं योजना कार्यालय से ही होता है. डीपीओ लेखा एवं योजना यहीं पर बैठते है.
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