महानंदा के कटाव को नहीं रोका गया, तो बचे परिवार भी हो जायेंगे विस्थापित, प्रतिनिधि, अमदाबाद. प्रखंड के महानंदा नदी के भीषण कटाव से बेलगच्छी गांव के दर्जनों परिवार विस्थापित हो चुके हैं. उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेलगच्छी की दूरी महानंदा नदी के किनारे से महज करीब 50 फीट रह गयी है. हालांकि, वर्तमान समय में कटाव नहीं हो रहा है. यदि कटाव शुरू हुआ तो यह विद्यालय जल्द ही महानंदा नदी के गर्भ में समाने की संभावना है. स्थानीय ग्रामीणों का मानना है कि यदि ससमय इस स्थान पर कटाव निरोधात्मक कार्य नहीं किया गया तो वह दिन दूर नहीं कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेलगच्छी का भी नामोनिशान खत्म हो जायेगा. स्थानीय ग्रामीण तारीख आलम, शेख इसरूल, मनोज कुमार आदि ने बताया कि पिछले कई वर्षों से महानंदा नदी से बेलगच्छी गांव के समीप भीषण कटाव हो रहा है. इसके चपेट में आकर यहां के दर्जनों परिवार विस्थापित होकर पलायन कर चुके हैं. कुछ लोग महानंदा बांध पर शरण लिए हुए हैं. उक्त लोगों ने बताया कि बीते वर्ष महानंदा विभाग द्वारा कटाव निरोधात्मक कार्य के नाम पर महज खानापूर्ति कर ली गयी थी. भीषण कटाव जारी रहा था. उन्होंने बताया कि शेष बचे बेलगच्छी गांव के लोगों पर कटाव का खतरा मंडरा रहा है. कटाव का समय आते ही यहां के लोग दहशत में जीते हैं. कटाव के समय लोगों को रातजग्गा कर समय गुजारना पड़ता है. उन्होंने बताया कि बेलगच्छी गांव के बहुत पुराने उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेलगच्छी पर कटाव का खतरा मंडरा रहा है. यदि ससमय कटाव निरोधात्मक कार्य इस स्थान पर नहीं कराया गया तो वह दिन दूर नहीं जो उत्क्रमित मध्य विद्यालय कट कर महानंदा नदी के गर्भ में समा जायेगा. स्थानीय ग्रामीणों ने समय रहते महानंदा नदी में कटाव निरोधात्मक कार्य करने की मांग की है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है