मनसाही. प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ आने से क्षेत्र के किसान सहित आमलोगों की नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. अगस्त माह में आये बाढ़ की पानी जहां किसानों की हजारों एकड़ में लगे अगहनी धान की फसल पानी में डूब कर गल गया. पिछले सप्ताह से लगातार हो रहे बारिश से प्रखंड के कुरेठा, फुलहारा, मोहनपुर सहित अन्य पंचायत में बाढ़ आ गयी है. जो पिछले अगस्त से ज्यादा पानी है और पानी लगातार बढ़ते जा रहा है. जिससे लोगों में दहशत का माहौल है. बढ़ते पानी को लेकर कुरेठा के ग्रामीणों ने चौक चराहों पर 2017 में आये भीषण बाढ़ की चर्चा करना शुरू कर दी है. दो माह से प्रखंड के साहेबनगर पंचायत के कुर्सेला गांव में बाढ़ के पानी लोगों के घरों में जहां डेरा जमाये हुए हैं. इन दोनों गांव का अन्य जगह से सड़क संपर्क भी टूट चुका है.
बाढ़ से लोग अपने घर बार छोड़कर आसपास के सरकारी भवन में शरण लिए हुए हैं. जबकि किसानों की फसलों को भी इससे काफी नुकसान पहुंचा है. इस बार बाढ़ की पानी ने पके हुए अगहनी धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है. जिससे किसान परेशान है. क्षेत्र में सैकड़ों लोगों के घरों में बाढ़ की पानी दस्तक दे चुका है. क्षेत्र के ग्रामीणों ने बार-बार सीओ मनसाही को सूचना देने के बावजूद भी आज तक प्रशासन का कोई भी व्यक्ति बाढ़ पीड़ितों की सुधि लेने नहीं पहुंचे हैं. कुरेठा के किसानों को अब तक डूबे फसलों मुआवजा नहीं मिलने पर आंदोलन करने की बात कही है. इस मौके पर किसान भरत सिंह, मांगन मंडल, धीरेन मंडल, प्रसादी मंडल, दिनेश मंडल, गोविंद सिंह, बरूण मंडल, भगवान मंडल, शिव नरायण चौधरी, उपेंद्र साह सहित अन्य किसानों ने मुअावजा की मांग की है.
इधर अमदाबाद. प्रखंड के कई हिस्सों में बाढ़ ने एक बार पुनः दस्तक दे दिया है. अमदाबाद प्रखंड अंतर्गत बहने वाली महानंदा नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई थी. जिसके चपेट में आकर प्रखंड के लखनपुर पंचायत के बेलगच्छी, जियामारी, इंग्लिश डकरा, जंगला टाल पंचायत के सिंघिया, भवानीपुर, बगुलागढ़, उत्तरी अमराबाद पंचायत के मायामारी, तांती टोला, पहाड़पुर गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. ज्ञात हो कि इस वर्ष में उपरोक्त गांव के लोग पिछले तीन माह में तीन बार बाढ़ का दंश झेल चुके, महानंदा नदी से जून माह में भीषण बाढ़ हुआ था. इसके बाद जुलाई माह में भी बाढ़ हुआ. पुनः वर्तमान समय में महानंदा नदी से बाढ़ हो गया है. जिसकी चपेट में आकर दर्जनों गांव के कुछ लोग विस्थापित होकर ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं.
कुछ परिवार अपना घर में ही मचान गाड़ कर किसी तरह समय काट रहे हैं. गौरतलब है कि उक्त गांव के लोग पिछले 3 माह में करीब एक माह बाढ़ का दंश झेल चुके हैं. इसके बावजूद भी सरकारी स्तर पर इन्हें किसी तरह का सुविधा मुहैया नहीं करायी गयी है. बाढ़ पीड़ित परिवारों के समक्ष भोजन, शुद्ध पानी से लेकर जलावन एवं रहने तक की घोर समस्या उत्पन्न हो गयी है. उक्त गांव के बाढ़ पीड़ित परिवारों ने सरकार की ओर मदद के लिए टकटकी लगायी हुई है. बाढ़ की चपेट में आकर इंग्लिश डकरा गांव के मुख्य सड़क गांव के पूरब दिशा में बने कलभर्ट पुलिया के पास करीब 50 मीटर से अधिक सड़क कट गया है. इस स्थान पर बाढ़ के पानी का तेज बहाव हो रहा है. गांव के लोगों को आने-जाने का साधन मुहैया नहीं करायी गयी है. कुछ बाढ़ पीड़ित परिवार निजी नाव से आना-जाना करते हैं.
posted by ashish jha