आंख के चिकित्सक के अभाव में दिव्यांगों की जांच में आ रही अड़चन

साथ ही जिले भर से सदर अस्पताल आंख का इलाज कराने पहुंचने वाले मरीज की नहीं हो रही इलाज

By Prabhat Khabar News Desk | August 6, 2024 10:26 PM

कटिहार. जिले में दिव्यांगों का यूडीआइडी कार्ड बनाने को लेकर मंगलवार से प्रखंड स्तर पर शिविर लगाकर इसकी शुरुआत की गयी है. इससे पहले अनुमंडल अस्पतालों में यूडीआइडी कार्ड को लेकर दिव्यांगों का जांच प्रशिक्षण किया गया. अब दिव्यांगों को जांच को लेकर कहीं दूर जाने की नौबत ना आयें. इसको लेकर जिला पदाधिकारी के निर्देश पर प्रखंड स्तर पर दिव्यांगों की यूडीआइडी कार्ड बनाने को लेकर मंगलवार से शिविर का आयोजन किया गया है. मंगलवार को बलरामपुर प्रखंड में शिविर लगाकर दिव्यांगों के यूडीआइडी कार्ड को लेकर चिकित्सकों ने उनकी दिव्यांगता की जांच की गयी. जिला पदाधिकारी के निर्देश के आलोक में भले ही दिव्यांगों की परेशानी को देखते हुए प्रखंड स्तर पर जांच की व्यवस्था की गयी हो. लेकिन दिव्यांगों की परेशानी अभी भी बरकरार है. क्योंकि जिले में अब तक दिव्यांगों की जांच को लेकर आंख स्पेशलिस्ट डॉक्टर मौजूद ही नहीं है. जहां एक तरफ सदर अस्पताल में आंख के स्पेशलिस्ट डॉक्टर के नहीं रहने से गरीब मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है. दूसरी तरफ दिव्यांगों की अपनी आंख की दिव्यांगता जांच को लेकर अभी भी आंख स्पेशलिस्ट डॉक्टर का इंतजार है. आंख के डॉक्टर के नहीं रहने से आंख से दिव्यांग दिव्यांगों की जांच नहीं हो पा रही है. जिस कारण से आंख से दिव्यांग शिविर तो पहुंचते हैं. लेकिन उनका प्रशिक्षण नहीं हो पा रहा है. जिस कारण से उन्हें दिव्यांगों की हर सरकारी सुविधा से वंचित होना पर रहा है. जिला पदाधिकारी मानेश कुमार मीणा के निर्देश के बाद जिले के प्रखंड स्तर में दिव्यांगों की जांच मंगलवार से शुरू हो गयी है. इसको लेकर हड्डी रोग विशेषज्ञ मुख बधिर डॉक्टर तथा मानसिक रोग की प्रभारी डॉक्टर तो मौजूद है. लेकिन आंख स्पेशलिस्ट डॉक्टर की सेवा अब तक बरकरार नहीं हो पायी है. हालांकि मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जिले में वर्तमान समय में मौजूद नहीं है. लेकिन उनकी जांच को लेकर सदर अस्पताल के फिजिशियन डॉ एसपी विनकर को इसकी जांच को लेकर प्रभार दिया गया है. दिव्यांगों की जांच को लेकर सभी जांच तो हो रही है. लेकिन आंख से दिव्यांग दिव्यांगों की जांच नहीं होने से सबसे बड़ी परेशानी आंख के दिव्यांगों को हो रही है. आंख के स्पेशलिस्ट डॉक्टर के अभाव में मरीज बाहर लूटा रहे गाढी कमाई सरकार भले ही स्वास्थ्य महकमे में करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. ताकि गरीब मरीजों को इसका बेहतर लाभ मिल सके. लेकिन इस सबके बावजूद भी मरीजों को अपनी गाढ़ी कमाई बाहर निजी चिकित्सकों के ऊपर लूटाने में विवश होना पर रहा है. सदर अस्पताल छोड़ देंं पूरे जिले में आई स्पेशलिस्ट चिकित्सक नहीं रहने के कारण इसका दंश मरीजों को भी झेलना पड़ रहा है. नेत्र सहायक चिकित्सक के भरोसे ही सदर अस्पताल आने वाले मरीजों का इलाज किया जा रहा है. एक दिन में 50 से 60 मरीज आंख से ग्रसित पहुंचते हैं. इसमें से 25 से 30 ऐसे मरीज पाये जाते हैं. जो मोतियाबिंद से ग्रसित है. ऐसी स्थिति में ऐसे मरीज को सहायक चिकित्सक के द्वारा हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है. बता दें कि चार वर्ष पूर्व सदर अस्पताल में आंख स्पेशलिस्ट डॉक्टर रहने से न केवल मरीजों को आंख स्पेशलिस्ट चिकित्सक का लाभ मिलता था. बल्कि आंख के मोतियाबिंद ऑपरेशन की पूरी व्यवस्था सदर अस्पताल में हुआ करती थी. जहां बड़ी संख्या में मरीजों का ऑपरेशन होता था. लेकिन फिलहाल चिकित्सक नहीं रहने के कारण आंख के ऑपरेशन के सभी इंस्ट्रूमेंट जंग खा रहे हैं. नेत्र सहायक के रूप में सदर अस्पताल में अपनी सेवा दे रहे हैं. एक दिन की ओपीडी में लगभग 50 से 60 मरीज आंख से ग्रसित समस्या लेकर पहुंचते हैं. जिसमें की 25 से 30 मरीज ऐसे मिलते हैं. जो मोतियाबिंद से ग्रसित होते हैं. स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं रहने के कारण ऐसे मरीजों को ऑपरेशन के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है. आंख स्पेशलिस्ट डॉक्टर के पोस्ट पर श्वेता भारती ने डेढ़ वर्ष पूर्व अपनी सेवा दी थी. लेकिन उनके बाद वह पूर्णिया चली गयी. उनके बाद अब तक कटिहार जिला को आंख स्पेशलिस्ट डॉक्टर की सेवा नहीं मिल पायी है. एक तरफ जहां सदर अस्पताल आने वाले गरीब मरीज को सहायक नेत्र विशेषज्ञ के भरोसे अपना इलाज कराना पड़ता है तो दूसरी तरफ आंख विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं रहने के कारण दिव्यांगों की दिव्यांगता जांच भी नहीं हो पा रही है. कहते हैं सिविल सर्जन सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि जिले में आंख स्पेशलिस्ट डॉक्टर की पोस्टिंग को लेकर विभाग को कई बार पत्राचार कर इसकी मांग की गयी है. हाल में भी विभाग को डॉक्टर की पोस्टिंग को लेकर अवगत कराया गया है. सिविल सर्जन ने बताया कि हो सकता है कि अगस्त माह में विभाग द्वारा डॉक्टर की पोस्टिंग में जिले को आंख स्पेशलिस्ट डॉक्टर की सेवा मिल जाये.

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