प्रतिनिधि, कटिहार जिले में 2024 की विदाई और नया साल 2025 के स्वागत की तैयारी भी चल रही है. चालू वर्ष की विदाई अब अंतिम पड़ाव पर है. यानी चार दिन बाद नये वर्ष का प्रवेश हो जायेगा. चालू वर्ष के समाप्त होने पर विभिन्न विभागों एवं उनकी गतिविधियों को लेकर प्रभात खबर ने पड़ताल की है. कई मामलों में शिक्षा विभाग काफी चर्चा में रहा है. कई मामलों में शिक्षा विभाग ने कई उपलब्धियां हासिल की. खासकर शिक्षक नियुक्ति के मामले को लेकर शिक्षा महकमा सुर्खियों में रहा है. वर्षों से जिले के प्रारंभिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों का टोटा रहा है. बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से विद्यालय अध्यापक की नियुक्ति का फायदा कटिहार जिले को भी मिला है. बीपीएससी से प्रथम व दूसरे चरण में नियुक्त करीब 5000 से अधिक शिक्षक कटिहार को मिला. हालांकि अभी उच्चतर शिक्षा व्यवस्था की स्थिति काफी दयनीय है. पूर्णिया विश्वविद्यालय अंतर्गत जिले के विभिन्न अंगीभूत कॉलेज में शिक्षकों की भारी कमी अभी भी मौजूद है. ऐसे कॉलेजों में अधिकांश विषयों के शिक्षक नहीं है. कुछ विषय में तो नियमित शिक्षक है तथा कुछ विषय में तो गेस्ट फैकेल्टीके जरिये काम चलाया जा रहा है. वर्षांत में प्रभात खबर की पड़ताल करती यह रिपोर्ट. कटिहार को मिले 5000 से अधिक शिक्षक वर्षों से जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में प्रारंभिक विद्यालय से लेकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी रही है. पर अब अधिकांश विद्यालयों की यह कमी दूर हो गयी है. दरअसल बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से प्रथम व द्वितीय चरण के तहत करीब दो लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की गयी. इस नियुक्ति में कटिहार जिले में भी 5000 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की गयी. जबकि बीपीएससीकी ओर से तीसरे चरण के तहत नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. परिणाम घोषित होने के बाद अब काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. ऐसे में माना जा रहा है कि जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र अधिकांश विद्यालयों में शिक्षकों की कमी अब दूर हो जायगी. जिस रफ्तार से बीपीएससी एवं शिक्षा विभाग के पहल पर शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है. बेपटरी शैक्षणिक व्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास इस वर्ष खासकर सरकारी शैक्षिक व्यवस्था में अमूल चूल परिवर्तन को लेकर कई तरह के प्रयास किये जा रहे है. जब से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी वरिष्ठ आईएएस केके पाठक को मिली है. तब से शिक्षा व्यवस्था को लेकर तरह-तरह के नये प्रयोग भी किये जा रहे है. इस बीच केके पाठक की अब डॉ एस सिद्धार्थ शिक्षा विभाग की कमान संभाले हुए है. पाठक व डॉ सिद्धार्थ की पहल का असर कटिहार में भी दिख रहा है. मसलन राज्य मुख्यालय के स्तर से विद्यालयों में पठन-पाठन को लेकर समय-सारणी का निर्धारण, प्रधानाध्यापक के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिन भर की गतिविधियों की समीक्षा करना आदि कई ऐसे नये प्रयोग है. जिसकी चर्चा खूब हो रही है. शिक्षा विभाग की ओर से ऐसे कई दिशानिर्देश जारी किये गये है. शैक्षणिक व्यवस्था में बदलाव को लेकर भी बेहतर साबित हो रहा है. निरीक्षण का दिख रहा असर विद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार को लेकर कई तरह के प्रयास शुरू किये गये है. खासकर विद्यालय के निरीक्षण में न केवल शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मियों को लगाया गया है. बल्कि प्रशासनिक अधिकारी एवं कर्मियों को भी निरीक्षण करने की जिम्मेदारी दी गयी है. यही वजह है कि कमोवेश हर दिन विद्यालय का कोई न कोई निरीक्षण कर रहे है. विद्यालय के नियमित रूप से निरीक्षण व उच्च अधिकारियों के द्वारा इसकी निगरानी करने से विद्यालय के शैक्षणिक व्यवस्था में अब सुधार दिखने लगा है. शिक्षक भी समय पर आने लगे हैं तथा विभागीय दिशा निर्देश के आलोक में कक्षा संचालन भी कर रहे है. यह अलग बात है कि शिक्षा विभाग की शैक्षणिक सुधार को लेकर चलाये जा रहे अभियान से कुछ तबका नाराज भी दिख रहे है.
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