कटिहार. सदर अस्पताल की नई बिल्डिंग बनने के बाद अभी भी नई बिल्डिंग में अंधेरा कायम है. स्वास्थ्य व्यवस्था नए भवन में शिफ्ट होने के बाद भी इसका पूरा लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है. नौ महीना होने के बावजूद भी नई बिल्डिंग में समुचित बिजली की व्यवस्था नहीं हो पायी है. सिविल लाइट काटने के बाद पूरा अस्पताल में अंधेरा कायम हो जाता है. जहां मरीजों को अंधेरे में इलाज कराने के लिए मजबूर होना पड़ता है. न केवल इससे मरीज परेशान होते है बल्कि चिकित्सक को भी इलाज करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. करोड़ों रुपये की लागत से बने बिल्डिंग में अभी तक 24 घंटा जनरेटर सप्लाई के बिजली व्यवस्था नहीं हो पाई है. सिविल लाइट गुल होने के बाद पूरा भवन अंधकार में डूब जाता है. शनिवार के दिन भी ओपीडी शुरू होने के साथ ही सिविल लाइट गुल हो गयी. जिसके बाद पूरे भवन में अंधेरा छा गया. ऑनलाइन सभी रजिस्ट्रेशन ठप पड़ गया. यहां तक की एक्स-रे जांच, ब्लड जांच, अल्ट्रासाउंड सारे जांच बिजली का अभाव में ठप पड़ गये. जनरेटर सप्लाई बिजली को लेकर वर्तमान डीएम से पहले तत्कालीन डीएम ने जेनरेटर सप्लाई को लेकर टेंडर की प्रक्रिया चल रही थी. लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद यह प्रक्रिया कहां तक पहुंची है यह समझ से परे है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की माने तो जेनरेटर बिजली सप्लाई को लेकर कार्य प्रक्रिया में है. लेकिन यह कार्य कब तक पूरा होगा यह किसी को नहीं पता है. नौ महीना हो जाने के बाद भी 24 घंटा बिजली व्यवस्था को अब तक बहाल करने में विभाग अधिकारी नाकाम हुए हैं. ऐसे में इसका दंश अस्पताल आने वाले मरीजों को झेलना पड़ रहा है. इतने बड़े अस्पताल में जिला अस्पताल होने के नाते लाइट कटने के बाद मोबाइल के टोर्च की रोशनी में इलाज करने के लिए चिकित्सक मजबूर है. शनिवार को भी ओपीडी शुरू होने के कुछ देर बाद लाइट काटने के बाद चार से पांच घंटे तक बिजली पूरी अस्पताल में बाधित रही. जिससे मरीजों का सही से उपचार नहीं हो पाया. बिना जांच कराये मरीज वापस लौटने के लिए मजबूर हुए.
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