नगदी फसल के रूप में पाट की खेती का क्षेत्रफल बढाने पर दिया बल

नगदी फसल के रूप में पाट की खेती का क्षेत्रफल बढाने पर दिया बल

By Prabhat Khabar News Desk | January 22, 2025 8:16 PM

– दो दिनों तक पाट सड़ाने की तकनीक प्रशिक्षण से किसान होंगे अवगत पाट फसल की महत्ता डाला प्रकाश, सरकार की योजनाओं को विस्तार पूर्वक बताया कटिहार पाट अनुसंधान केन्द्र कटिहार में बुधवार को अखिल भारतीय पटसन एवं समवग्री परियोजना के अंतर्गत दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत पाट सड़ाने की तकनीक का उदघाटन मुख्य अतिथि उपनिदेशक पौधा संरक्षण सह संयुक्त निदेशक शष्य पूणिया प्रमंडल, जिला कृषि पदाधिकारी मिथिलेश कुमार कटिहार, उपपरियोजना निदेशक आत्मा, सहायक निदेशक प्रक्षेत्र सह अनुमंडल पदाधिकारी मनिहारी सुदामा ठाकुर के नेतृत्व में दीप जलाकर किया गया. पाट अनुसंधान केन्द्र कटिहार के प्रभारी पदाधिकारी दिवाकर पासवान ने बिहार राज्य के परिपेक्ष्य में पाट फसल की महत्ता पर प्रकाश डाला. उपनिदेशक शष्य पूर्णिया प्रमंडल ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को बहुत महत्वपूर्ण बताया एवं बिहार सरकार की पाट की खेती के संदर्भ में चल रही योजनाओं से अवगत कराया. जिला कृषि पदाधिकारी मिथिलेश कुमार ने पाट की खेती को महत्वपूर्ण बताते हुए पाट की खेती के क्षेत्रफल को और बढ़ाने पर जोर दिया. उपपरियोजना निदेशक आत्मा के शशिकांत झा ने कृषकों से पाट की वैज्ञानिक खेती के प्रमुख बिन्दुओं पर प्रकाश डाला. सहायक निदेशक प्रक्षेत्र सह अनुमंडल कृषि पदाधिकारी मनिहारी सुदामा ठाकुर ने पाट को एक नगदी फसल के रूप में महत्वपूर्ण फसल बताया एवं प्रकृति की इस विरासत को संजाेय रखने पर बल दिया. प्रभारी पाट प्रसार पदाधिकारी कटिहार ने पाट को शीघ्र सड़ाने, सड़ने की तीव्रता एवं उत्पादन की गुणवत्ता को और निखारने की आधुनिक विधियों से अवगत कराया. मौके वैज्ञानिकों में डॉ प्रभात कुमार, डॉ महेन्द्र पाल, डॉ लालबाबू कुमार, कर्मियों में नुपूर कुमारी, अमदनदीप सिंह, गंगा प्रसाद सहित अन्य मौजूद थे. धन्यवाद ज्ञापन डॉ पारितोष द्वारा किया गया.

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