तू डाल डाल, तो मैं पात पात की कहावत इन दिनों डीएस कॉलेज में चरितार्थ हो रही है. राज्य सरकार की ओर से शिक्षकों व कमियों को महाविद्यालय में समय पर आने और जाने के लिए जिस मकसद से बायोमेट्रिक मशीन से उपस्थिति का निर्देश दिया गया है. उसे भी धत्ता बताने से कई कर्मी नहीं चुक रहे हैं. निर्देश के अनुसार शिक्षक व कर्मी सुबह दस बजे आते जरूर है. लेकिन अंगूठा लगाने के बाद गायब हो जाते हैं. इसका प्रमाण 14 मई को डीएस कॉलेज प्राचार्य डॉ संजय कुमार सिंह के जारी कार्यालय निर्देश के बाद सामने आया है. जारी निर्देश में बताया गया है कि महाविद्यालय कार्यालय अवधि में अपने-अपने कर्तव्य पर निश्चित रूप से उपस्थित रहें. छात्रों की शिकायत का हवाला देते हुए बताया गया है कि प्राय: शिकायत मिल रही है कि कुछ कर्मचारी उपस्थिति पंजी पर अपना हस्ताक्षर, बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज कर कॉलेज से गायब रहते हैं. इससे छात्र-छात्राओं का काम समय पर नहीं हो पाता है. वे आक्रोशित होते हैं. साथ ही अन्य तरह की भी कुछ शिकायतों का हवाला देते हुए सभी कर्मचारियों को अंतिम रूप से निर्देश दिया है कि कार्यालय अवधि में अपने कर्तव्य पर उपस्थित रहकर कर्तव्य का ईमानदारी पूर्वक पालन करें. उन्होंने चेताते हुए उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई के लिए विवि, राज्य सरकार, शिक्षा विभाग को पत्र प्रेषित कर दिया जायेगा. इसके लिए संबंधित कर्मी स्वयं जिम्मेवार होंगे. प्राचार्य के जारी आवश्यक निर्देश के बाद कई कर्मचारियों में जहां हड़कंप का माहौल है. कई कर्मचारियों ने खुशी जाहिर करते हुए इस पर गंभीरता से जांच का विषय बताया है. कई कर्मचारियों का कहना है कि जांच होने के बाद कर्मी के साथ कई अन्य भी इस जांच के घेरे में आयेंगे. इससे नकारा नहीं जा सकता है.
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