गृहविज्ञान प्रायोगिक परीक्षा में रेडिमेड से चलाया जा रहा कार्य
छात्राओं की शिकायत बिना दिये नहीं दिया गया प्रवेश पत्र
कटिहार. एमजेएम महिला कॉलेज में गृहविज्ञान प्रायोगिक परीक्षा में प्रयोग के नाम पर रेडिमेड से कार्य चलाया जा रहा है. प्रयोग के नाम पर कुरकुरे, रेडिमेट पेटीकोट के कपड़े की डिमांड से छात्राएं परेशान रहीं. इतना ही नहीं छात्राओं के द्वारा इन सब चीजों के नही दिये जाने की स्थिति में प्रवेश वर्जित कर दिया जा रहा है. रविवार को एमजेएम महिला कॉलेज की छात्राओं का होमसाइंस सब्सिडयरी व दूसरे दिन सोमवार को आरवाई कॉलेज मनिहारी, बीएम कॉलेज बरारी, दूसरी पाली में बीडी काॅलेज बारसोई और बलरामपुर कॉलेज की छात्राओं की गृहविज्ञान विषय की ऑनर्स की प्रायोगिक परीक्षा के दौरान कई छात्राओं का कहना था कि प्रायोगिक परीक्षा के नाम पर कोरम पूरा किया गया. गृहविज्ञान विषय के तहत प्रायोगिक के तौर पर व्यंजनों के बनाने की विधि बतायी सिखायी जाती है. इसी से सम्बंधित बाहय व आंतरिक परीक्षकाें द्वारा सवाल जवाब पूछे जाते हैं. लेकिन उनलोगों से रेडिमेड सामानों की मांग की गयी. अलग-अलग छात्राओं से अलग अलग सामानों में कुरकुरे, रेडिमेड पेटीकोट के कपड़ा के अलावा ठंडा की बोतल की मांग की गयी. इन सभी के अलावा सनपापरी पॉकेट भी मांग की गयी. कई छात्राओं की माने तो प्रायोगिक कॉपी बना कर ले जाने का भी कोई लाभ नहीं मिला. ऐसा इसलिए कि परीक्षा के दौरान प्रायोगिक कॉपी बनाने का निदेश दिया गया. कई छात्राओं ने शिकायत करते हुए बताया कि एक घंटे के अंदर कॉपी बनाने व जमा कर दिये जाने के बाद भी उनलोगों को समय पर ही बाहर निकलने दिया गया. इससे कई छात्राओं को कई तरह की परेशानी हुई. कुछ दूसरे प्रखंडों की छात्राओं को समय ट्रेन नहीं मिलने से परेशान होना पड़ा. इधर एमजेएम कॉलेज के प्राचार्य डॉ दीपाली मंडल ने बताया कि अब धीरे धीरे रेडिमेड की तर्ज पर ही कार्य हो रहे हैं. इसके बाद अगर किसी छात्रा द्वारा लिखित शिकायत दी जाती है तो इस पर गंभीरता से विचार किया जायेगा.
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