धड़ल्ले से हो रही नकली खाद व कीटनाशी दवाओं की बिक्री

आरटीआई कार्यकर्ता एक साल पूर्व संयुक्त निदेशक शष्य पूर्णिया से की थी शिकायत

By Prabhat Khabar Print | June 20, 2024 12:10 AM

कटिहार. शहरी क्षेत्र में बिना अनुमति नकली खाद व कीटनाशी दवा के अवैध रूप से बिक्री किये जाने के विरुद्ध आरटीआई कार्यकर्ता एमजी रोड गामी टोला के जगदीश प्रसाद साह ने संयुक्त निदेशक शष्य पूर्णिया प्रमंडल को 28 नवम्बर 2023 को शिकायत की गयी थी. इस आलोक में तत्कालीन संयुक्त निदेशक शष्य पूर्णिया ने संज्ञान लेते हुए संबंधित शिकायत एवं परिवाद पत्र में वर्णित तथ्यों की गहन जांच के लिए 29 नवंबर 23 को तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर जांच को निर्देश दिया गया था. तीन सदस्यीय जांच दल के रिपोर्ट का आज तक आरटीआई कार्यकर्ता जगदीश प्रसाद साह इंतजार कर रहे हैं. गामी टोला निवासी आरटीआई कार्यकर्ता जगदीश प्रसाद साह ने बताया कि इससे पूर्व भी उनके द्वारा आरटीआई के तहत कई सूचनाएं मांगी गयी. लेकिन आज तक हिल बहाना ही बनाया जाता रहा. उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र में दूसरे प्रखंडों से आकर बिना अनुज्ञप्ति के नकली खाद व कीटनाशी दवा का अवैध रूप से ब्रिकी की जा रही है. इससे किसान हर वर्ष ठगे जा रहे हैं. विभागीय स्तर से ऐसे दुकानदारों पर गंभीरता से कार्रवाई करने की जरूरत है. उनका कहना है कि इस वर्ष भी पीएनटी चौक स्थित एक एजेंसी द्वारा नकली कीटनाशी विभाग को उपलब्ध कराने का मामला सामने आया है. मामले के बाद उक्त एजेंसी द्वारा उक्त कंपनी की कीटनाशी दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने का भी आदेश दिया गया है.

तीन पदाधिकारियों को जांच के लिए दिया गया था निर्देश

आरटीआई कार्यकर्ता जगदीश प्रसाद साह का कहना था कि शहरी क्षेत्र में बिना अनुज्ञप्ति नकली खाद व कीटनाशी बिक्री के विरुद्ध संयुक्त निदेशक शष्य पूर्णिया द्वारा जांच के लिए तीन सदस्यों को नामित किया गया था. अध्यक्ष के रूप में पूर्णिया प्रमंडल के उपनिदेशक पौधा संरक्षण, सदस्य के रूप में रोमी कुमारी सहायक निदेशक पौधा संरक्षण, कटिहार व कौशीन अख्तर अनुमंडल कृषि पदाधिकारी बारसोई को शामिल किया गया था. जांच के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया था. उन्होंने बताया कि जांच के बाद न तो रिपोर्ट से उन्हें अवगत कराया गया न ही अब तक कार्रवाई से संबंधित कोई जानकारी दी गयी. उन्होंने कृत कार्रवाई को लेकर अब तक इंतजारत हैं. मामले में जिला कृषि पदाधिकारी सुधीर कुमार का कहना है कि यह मामला उनके पूर्व का है. विभागीय पदाधिकारियों से इस विषय में जानकारी के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

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