आर्थिक स्थिति में सुधार लाने को लेकर किसान कर रहे मिश्रित खेती

मिश्रित खेती कर किसान एक साथ उपजा रहे फसल

By Prabhat Khabar News Desk | November 25, 2024 10:54 PM

कोढ़ा. प्रखंड क्षेत्र के कई किसान इन दिनों आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए मिश्रित खेती कर रहे हैं. किसान केला फसल में मक्का, आलू फसल में मक्का और मक्का की खेती में सब्जी की खेती कर अधिक लाभ लेते हैं. इस प्रकार अपनी उपजाऊ जमीन में दोनों फसल से लाभ ले रहे हैं. किसानों ने बताया कि एक एकड़ केले की खेती में लगभग बारह सौ केला का पौधा लगाया जाता है. दो पौधे की दूरी 6 से 7 फीट की होती है. इस छह-सात फीट के फासले में दो-धारी तीन धारी मक्का अथवा आलू व हरी सब्जी लगाकर आराम से किसान फायदा उठा रहे हैं. मक्का फसल जहां 5 से 6 माह का समय लेता है और आलू दो-तीन महीने में तैयार हो जाता है. जबकि केला फसल 12 से 13 महीने का वक्त लेता है. जिस कारण किसानों को मिश्रित खेती से बेहतर लाभ मिल रहा है. दोनों फसलों के लिए एक ही कोढ़नी और उसी सिंचाई से काम चल जाता है. मामले में प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों किसानों ने बताया कि मिश्रित खेती से किसानों को अच्छा लाभ मिल रहा है. केला का फसल अधिक समय लेता है तो इसी बीच उसी खर्चे में दूसरा फसल ऊपज जाता है. केला भी सही समय पर हो जाता है. किसानों ने कहा कि हम लोग आलू का फसल भी लगाए हैं. आलू फसल के बीच में मक्का फसल भी लगाते हैं. हमलोगों को उससे बेहतर लाभ मिल रहा है. कृषि पदाधिकारी ने मिश्रित खेती के संबंध में कहा कि यह किसानों के हित के लिए अच्छी बात है. दो फसल के लिए उक्त भूमि में उर्वरा शक्ति बनाए रखना अति आवश्यक है. दोनों ही फसलों को भरपूर पोषक तत्व मिलना जरूरी है. इसलिए किसानों को चाहिए कि अधिक से अधिक मात्रा में जैविक खाद तथा उचित मात्रा में ही रासायनिक खाद का उपयोग करें.

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