चौर विकास योजना के तहत मछली पालन से किसान हो रहे समृद्ध
32 हेक्टेयर में तालाब खोद कर अलग-अलग प्रखंडों के किसान कर रहे मछली का व्यवसाय
जिले के अलग अलग प्रखंडों में चौर विकास योजना के तहत 32 हेक्टेयर में किसान मछली पालन कर अपनी आय बढ़ा रहे हैं. ऐसा विभाग के पदाधिकारियों का दावा है. विभागीय पदाधिकारियों का दावा है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में अलग अलग प्रखंडों के किसान चौर विकास योजना के तहत वैसे मछली पालकों को सात लाख प्रति हेक्टयर पर 40 प्रतिशत अनुदान की राशि उपलब्ध करायी जा रही है. जबकि प्राणपुर समेत अन्य कई मछली पालकों का कहना है कि पिछले पांच वर्षो से मछली पालन कर जीविकोपार्जन कर रहे हैं. लेकिन विभाग द्वारा अब तक उनका रजिस्ट्रेशन तक नहीं किया गया है. जिसका नतीजा है कि अपने स्तर से तालाब खोदकर मछली पालन कर आय बढ़ा रहे हैं. विभाग के कर्मियों की माने तो चौर विकास योजना के तहत वैसे किसान जिनका अपना जमीन पर गढ्ढा खोदकर मछली पालने में सहयोग किया जा रहा है. कई प्रखंडों में इसका लाभ कई किसान उठा रहे हैं. सबसे अधिक बौरा में दस हेक्टेयर में किसान मछली पाल कर अपनी आय बढ़ा रहे हैं.
सदर प्रखंड के किसान हैं उदासीन
विभागीय कमियों की माने तो सदर प्रखंड के किसान इस मामले में पीछे हैं. 32 हेक्टयर में कोढ़ा के बौरा में 10 हेक्टेयर, फलका में पांच हेक्टेयर, बरारी में पांच हेक्टेयर, बारसोई के तीन हेक्टेयर समेत अन्य प्रखंडों में कमोवेश इसी तरह चौर विकास योजना के तहत मछली पालन कर किसान लाभान्वित हो रहे हैं. विभागीय कमियों की माने तो 2021-22 में तकनीक समस्या के कारण किसानों के खाते में अनुदान की राशि नहीं जा रही थी. जिसे राज्यादेश के बाद वैसे किसान जिनका निजी जमीन है. लेकिन वे बाहर रह रहे हैं. उनको भी चिन्हित कर उनके खाते में अनुदान की राशि भेजी जा रही है.इनपुट योजना का किसान ले रहे हैं लाभ
इनपुट योजना के तहत कई किसान लाभान्वित हो रहे हैं. कमियों की माने तो इस योजना के तहत मछली के जीरा, दाना, स्टॉक के तौर पर मिलने वाले अनुदान के रूप में पुरुषों को चार लाख में चालीस प्रतिशत व महिलाओं को दो लाख का पचास प्रतिशत अनुदान की राशि उनके खाते में भेजी जा रही है. कमियों की माने तो पानी के अंदर ऑक्सीजन बनाने वाली मशीन एयरवेटर योजना का भी लाभ मछली पालकों को उपलब्ध कराया जा रहा है.कहते हैं जिला मत्स्य पदाधिकारी
चौर विकास योजना के तहत किसान की निजी जमीन पर गढ्ढा खोदकर मछली पालने के लिए अनुदान दिया जाता है. पिछली वित्तीय वर्ष 2023-23 में अलग अलग प्रखंडों में कुल 32 हेक्टेयर में मछली पालन कर किसान अपनी आय बढ़ा रहे हैं. इसको लेकर अलग-अलग मिलने वाले विभागीय अनुदान की राशि किसानों के खाते में भेज दी गयी है. एयरेवेटर योजना के लिए अलग से अनुदान निर्धारित है. इनपुट योजना के तहत कई किसान लाभान्वित हो रहे हैं.अनिल कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी सह कार्यपालक पदाधिकारी, कटिहार
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