वर्षा की आस में आकाश की ओर ताक रहे किसान

बारिश के इंतजार में किसान धान की बिचड़ा गिराने से लेकर रोपनी के लिए आसमान की ओर नजरें टिकाये हुए हैं.

By Prabhat Khabar Print | June 29, 2024 11:11 PM

कटिहार. बारिश के इंतजार में किसान धान की बिचड़ा गिराने से लेकर रोपनी के लिए आसमान की ओर नजरें टिकाये हुए हैं. जून माह में 200 एमएम लक्ष्य के विरुद्ध महज 55.56 एमएम बारिश होने से जिले के किसान धान के बिचड़ा तैयार करने से लेकर रोपनी के लिए खेत तैयार करने में महंगे डीजल के सहारे ही निर्भर हैं. बीज वितरण में इस वर्ष भले ही विभाग द्वारा 92 प्रतिशत बीज वितरण का दावा किया जा रहा है. लेकिन सूखे खेत में पड़ी दरार के बीच रोपनी के लिए धान किसानों के गले का हल्क भी सूख रहा है. यही कारण है कि जिले को इस बार धान रोपनी के लिए दिये गये 83704 हेक्टेेयर के विरुद्ध अब तक कई प्रखंडों में 15 प्रतिशत तो कहीं बीस प्रतिशत ही धान रोपनी की जा सकी है. किसान अब भी बारिश का इंतजार कर रहे हैं तो कई किसान मोटर पंप के सहारे चिलचिलाती धूप व उमस भरी गमी में अब तक धान के बिचड़ा ही गिराने में ही दिन बीता रहे हैं. इधर विभाग के पदाधिकारियों की माने तो कई जगहों पर चालीस से साठ प्रतिशत तक धान की रोपनी हो चुकी है. दलन पूरब के किसान रामशोभित भगत, संजय भगत, शंभू भगत, सीताराम सिंह, बैजनाथ सिंह, अनिल सिंह कहते हैं कि प्रथम जून से ही धान के बिचड़ा खेतों में तैयारी की जाती है. बारह से 15 दिनों में खेत तैयार कर धान की रोपनी शुरू कर दिया जाता है. इस बार विभाग की ओर से धान बिचड़ा वितरण में विलंब होने के कारण और जून माह बीतने के बाद भी अधिक बारिश नहीं होने का खामियाजा उनलोगों को महंगे दामों में डीजल के सहारे ही बिचड़ा गिराकर भुगतना पड़ रहा है. खेतों में बार बार पटवन कर तैयार करने के बाद भी धान रोपनी के समय खेत सूख जाने से रोपनी में परेशानी हो रही है. कई किसानों की माने तो दो दिन पूर्व पंपिंग सेट से पानी पटाकर धान का बिचड़ा गिरा गया है. बारिश के नहीं होने से बिचड़ा सूखने के कगार पर है. ऐसे में धान रोपनी जिले में शत प्रतिशत लक्ष्य के अनुसार किया जाना मुश्किल साबित हो रहा है.

मुख्यमंत्री तीव्र बीज धान का 92 प्रतिशत हो गया वितरण

कृषि विभाग के कर्मियों व पदाधिकारियों की माने तो मुख्यमंत्री तीव्र विस्तार योजना के तहत 1509 एकड़ का लक्ष्य है. जबकि बीज ग्राम योजना का 950 एकड़ का लक्ष्य है. जिसे पूरा कर लिया गया है. पिछले वर्ष 2023 में 29 जून तक 48 प्रतिशत बीज वितरण किया गया था. इस वर्ष अब तक 92 प्रतिशत धान का बीज वितरण कर दिया गया है. विभागीय पदाधिकारियों की माने तो 25 जून से 15 अगस्त तक धान रोपनी किया जाता है. समय रहते दिये लक्ष्य को पूरा करने की बात कही गयी. मुख्यमंत्री तीव्र बीज धान में 16 प्रखंडों में 181.08 लक्ष्य के विरूद्ध 181.2 उपलब्ध कराया गया. जिसमें करीब 92 प्रतिशत बांट दी गयी है. इसी तरह ब्रीज ग्राम धान को ले 114 क्विंटल लक्ष्य के अनुसार 114 क्विंटल बीज उपलब्ध कराया गया जबकि 104.28 क्विंटल वितरण कर दिया गया है.

कदवा में सबसे अधिक 15189.644 हेक्टेयर में धान रोपनी का लक्ष्य

कृषि विभाग के पदाधिकारियों की माने तो जिले को इस वर्ष 83704 हेक्टेयर में धान रोपनी का लक्ष्य प्राप्त है. सबसे अधिक कदवा प्रखंड में 15189.644 हेक्टेयर का लक्ष्य दिया गया है. अमदाबाद में 1387, आजमनगर में 12407.16 बलरामपुर में 8205, बरारी में 8060.558 हेक्टेयर, बारसोई में 7924.06, डंडखोरा में 2668.87, फलका में 6132, हसनगंज में 1802.4, कटिहार् में 2016, कोढ़ा में 6899, कुरसेला में 284, मनिहारी में 4103.8, मनसाही में 1416, प्राणपुर में 3943, समेली में 1256.26 हेक्टेयर कुल 83704.752 हेक्टेयर में धान रोपनी के लिए लक्ष्य निर्धारित है.

इन प्रखंडों में सर्वाधिक प्रतिशत हुई अब तक धान रोपनी

विभागीय कर्मचारियों की माने तो लक्ष्य के अनुरूप करीब 15 से बीस प्रतिशत धान रोपनी कार्य पूरा कर लिया गया है. कहीं-कहीं साठ प्रतिशत धान की रोपनी हो चुकी है. सर्वाधिक धान रोपनी होने वाले प्रखंडों में कोढ़ा, फलका, आजमनगर के अलावा अन्य प्रखंड शामिल है. जहां अब तक साठ प्रतिशत धान रोपनी कार्य पूरा कर लिया गया है.

कहते हैं प्रभारी जिला कृषि पदाधिकारी

जून माह में 200 एमएम लक्ष्य के विरुद्ध महज 55.56 एमएम बारिश हुई है. किसान धान के बिचड़ा तैयारी से रोपनी के कर रहे हैं. बीज वितरण में इस वर्ष विभाग द्वारा 92 प्रतिशत बीज वितरण कर दिया है. जिले को इस बार धान रोपनी के लिए दिये गये 83704 हेक्टेयर के विरुद्ध अब तक 15 प्रतिशत तो कहीं बीस प्रतिशत धान रोपनी कार्य पूरा कर लिया गया है. कई प्रखंडों में साठ प्रतिशत तक धान रोपनी कार्य पूरा हो गया है. इसमें कोढ़ा, फलका और आमजनगर प्रखंड शामिल है.

सुदामा ठाकुर, प्रभारी जिला कृषि पदाधिकारी, कटिहार

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