सब्जी खेती कर खुशहाली की ओर बढ़ रहे कोढ़ा के किसान
गोभी के मूल्यों में गिरावट नहीं, मूली के मूल्य में तेवर कम नहीं
कोढ़ा. प्रखंड क्षेत्र के सब्जी कृषक सब्जी खेती कर खुशहाली की ओर बढ़ रहे हैं. सब्जी का भाव बेहतर चल रहा है. सब्जी उपजाने वाले किसान विभिन्न प्रकार की सब्जी उपजाकर अच्छी खासी आय का स्त्रोत ढूंढ लिया है. क्योंकि केला में पनामा विल्ट नामक रोग लगने के बाद कृषक केला खेती से विमुख होकर नगदी फसल के रूप में सब्जी की खेती को चुना है. जिस कारण क्षेत्र के किसान सुंदर भविष्य की अभिलाषा से लबरेज सब्जी खेती की ओर अपना रुख किया है. किसानों का अथक परिश्रम का ही फल है कि क्षेत्र में सब्जी की पैदावार जहां अच्छे हुई. सब्जी कृषक को बाजार भी अच्छा मिला. शुरू शुरू में नया गोभी बाजार में उतरा तो 120 किलो से बिकना शुरू हुआ. किसानों को बहुत ही अच्छा लाभ मिला. जैसे-जैसे मौसम ने करवट लिया और ठंड ने दस्तक दी. गोभी का भाव गिर कर वर्तमान में 50 रुपये पर आकर टिका हुआ है. कृषक इतने भाव में भी किसानों को अच्छी खासी आय की उम्मीद है. अभी बाजार भाव नया आलू 50 रुपये किलो बिक रहा है, तो टमाटर भी 60 रुपये, गाजर 60 रुपये किलो, चुकंदर 80 रुपये किलो, बैगन 30 से 40 रुपये किलो, करेला 60 रुपये किलो, हरी मिर्च 60 रुपये किलो जबकि मूली का तेवर भी कम नहीं है. अभी बाजार में 40 रुपया किलो मूली बिक रहा है. इस प्रकार विभिन्न प्रकार की सब्जी खेती किसानों को अब भाने लगा है. केला में हुए घाटों से त्रस्त कृषकों के चेहरे सब्जी की खेती कर खिल उठे हैं.
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