सर्वे फॉर्म भरवाने को शिविर से पहले प्रतिनिधियों के घर पहुंच रहे किसान
सुबह से देर रात तक दरवाजे पर लगी रहती है किसानों की भीड़
कटिहार. जिले भर में भूमि सर्वेक्षण का कार्य बेशक जोर पकड़ने लगा है. जमीन मालिक जहां अपने नाम से खतियान बनाने के लिए विभिन्न सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं. दूसरी ओर असाक्षर किसान भी कम परेशान नहीं नजर आ रहे हैं. यही कारण है कि शिविरों से अधिक टोले मोहल्ले के प्रतिनिधियों के घरों पर अधिक सर्वे फॉर्म भरवाने की भीड़ देखी जा रही है. पंचायत के मुखिया, सरपंच व उपसरंचों के घरों पर इस तरह की भीड़ अधिक लग रही है. हर दिन अहले सुबह से लेकर देर रात तक प्रतिनिधियों के दरवाजे पर लगने वाली भीड़ से अब ये लोग उबने लगे है. कभी कभार बिना रूके सर्वे फॉर्म भरने का कार्य निरंतर चल रहा है. रविवार को दलन पूरब पंचायत के उपसरपंच रविशंकर श्रवणे ने बताया कि जमीन का जब से सर्वे कार्य शुरू हुआ है. तब से केवाला का नकल निकालने वालों की भीड़ भी जिला निबंधन कार्यालय के अभिलेखागार में बढ़ने लगी है. साथ ही साथ सर्वे की फॉर्म भरवाने को लेकर भी किसानों की भीड़ प्रतिनिधियों के दरवाजे पर बढ़ रही है. दलन पूरब पंचायत के उपसरपंच रविशंकर श्रवणे ने बताया कि सर्वे फॉर्म भरने के दौरान रैयत या उनके पूर्वज का खतियान, क्रय केवाला, लगान रसीद, स्वयं या पंचायती स्तर से बनाया हुआ वंशावली, सर्वे फॉर्म में इन सभी को लगाकर शिविर में जमा किया जा रहा है.
सबसे अधिक भू-माफिया की बढ़ रही परेशानी
भूमि सर्वे कार्य शुरू होने के बाद से भू-माफिया अधिक परेशान हैं. ऐसा इसलिए कि भूमि सर्वे के दौरान जब जमीन सभी के अपने नाम से हो जाने पुत्र से पुत्री स्वमालिक बन जायेंगे. इस स्थिति में माफियाओं को औने पौने दाम पर जमीन नहीं बेच पायेंगे. सर्वे हो जाने की स्थिति में सभी भाई बहनों के अपने नाम से जमीन हो जायेंगे. जिस वजह से ये लोग अपने स्तर से जमीन की खरीद बिक्री कर पायेंगे. जमीनी विवाद बहुत हद तक खत्म हो जायेंगे. ऐसा कई पदाधिकारियों का भी मानना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है