नारियल का पौधा लगाकर किसान संवारेंगे तकदीर
जुलाई-अगस्त से किसान कर सकेंगे ऑनलाइन आवेदन
नारियल के लिए अब जिले के लोगों व किसानों को केरल, कनार्टक, तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश के सहारे निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. कोरोना के बाद से नारियल की बढ़ती मांग को देखते व जिले की बेहतरीन जलवायु को लेकर उद्यान विभाग वित्तीय वर्ष 2024-25, 2025-26 और 2026- 28 में कुल 15 हजार किसानों को नारियल का पौधा नारियल विकास बोर्ड पटना से उपलब्ध करायेगा. इससे किसान अपने घर के आंगन, खेत के मेढ़ से लेकर गार्डन में नारियल लगाकर अपनी तकदीर संवारेंगे. विभाग किसानों को प्रति पौधे 85 रुपये में उपलब्ध करायेगा. इस पर 75 प्रतिशत अनुदान भी देगा. इस तरह 63:75 रुपये प्रति पौधे मात्र देना पडेगा. नारियल बारह माह फल लगने वाला एक मात्र पौधा है. ऐसा विभाग के पदाधिकारियों का कहना है. नारियल के लाभों से अवगत कराते हुए सूखा, डाभ समेत इसके पेड़ों से भी किसान लाभ ले सकते हैं. नारियल की खेती बेहतर जलवायु को लेकर इसे वित्तीय वर्ष 2024-25 के योजना में शामिल किया गया है. इसकी खेती के लिए कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा और सुपौल की जलवायु बेहतर माना जा रहा है. लाभार्थी को कम से कम पांच व इससे अधिक पौधे अनुदानित दर पर उपलब्ध कराया जायेगा. विभागीय पदाधिकारियों की माने तो एक एकड़ में 71 पौधे लगाया जा सकता है.
पहले वित्तीय वर्ष में तीन हजार पौधा कराया जायेगा उपलब्ध
नारियल के पौधे के लिए किसान जुलाई से अगस्त माह तक ऑनलाइन आवेदन करेंगे. इसके लिए जमीन की रसीद के साथ आधार कार्ड लगाकर पोर्टल पर ऑनलाइन करेंगे. तीन वर्षीय योजना के तहत पहले साल तीन हजार, दूसरे वर्ष छह हजार और तीसरे वर्ष भी छह हजार कुल पन्द्रह हजार नारियल के पौधे उपलब्ध कराया जायेगा.कोरोना के बाद से नारियल का बढ़ गया है डिमांड
विनादेपुर अवस्थित फिजिशियन डॉ संजय तिवारी का मानना है कि कोरोना के बाद से नारियल की मांग बढ़ी है. खासकर नारियल पानी सेहत के लिए खजाना है. सेवन करने से दिल की सेहत सुधारने, किडनी को हेल्दी रखने, वजन को कम करने ,स्किन की रंगत में सुधार लाने में बेहद असरदार साबित होता है. कोरोना के बाद से नारियल का डिमांड अधिक बढ़ गया है.कहते हैं उद्यान पदाधिकारी
जिले में 20 वर्ष पूर्व नारियल अनुसंधान केंद्र कार्यरत था. कालांतर में इसे दूसरे जगह शिफ्टिंग कर दिया गया. नये वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए इसे शामिल किया गया है. किसानों को अनुदानित दर पर नारियल अनुसंधान केंद्र मधेपुरा व पटना से पौधे उपलब्ध कराये जायेंगे. सबसे पहले किसान ऑनलाइन आवेदन देंगे. उसके बाद मांग के अनुरूप नारियल के पौधे वितरण किया जायेगा.ओमप्रकाश मिश्रा, उद्यान पदाधिकारी, कटिहार
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