कटिहार. बलुई मिट्टी के कारण विभाग द्वारा स्ट्रॉबेरी के रूप में फल उत्पादन को लेकर प्रयोग किया जा रहा है. यह रबी मौसम की फसल है. इसकी रोपाई 10 सितंबर से 10 अक्तूबर तक होती है. एक बार रोपाई के बाद किसानों को इसका अच्छा मुनाफा मिलेगा. उद्यान विभाग को इस बार जिले में तीन हेक्टेयर में स्ट्रॉबेरी की रोपाई का लक्ष्य दिया गया है. अन्य फसलों से इसमें लागत अधिक होने के कारण कुछ किसानों के यहां खेती किया जाना है. अच्छी उत्पादन हो तो जिले के किसानों को प्रति एकड़ ढ़ाई से तीन लाख का मुनाफा हो सकता है. किसानों को और बेहतर लाभ हो इसके लिए विभाग द्वारा इस पर अनुदान का प्रावधान किया गया है. ऐसा उद्यान विभाग के कर्मचारियों से लेकर पदाधिकारियों का कहना है. विभागीय कर्मचारियों की माने तो फल उत्पादन अनुदान के रूप में प्रति हेक्टेयर तीन लाख 3600 रुपये तय है. इसमें अलग-अलग अनुदान के रूप में स्ट्रॉबेरी क्षेत्र विस्तार में तीन लाख छत्तीस हजार, स्ट्रॉबेरी कुड का डब्बा में 4.40 पैसा पर डब्बा सब्सिडी और स्ट्रॉबेरी पैकेंजिंग प्लास्टिक का छोटा डब्बा में एक रुपये सब्सिडी निर्धारित है. विभागीय कर्मचारियों की माने तो स्ट्रॉबेरी के कई प्रजाति होते है. जिसमें स्वीट चाली, चैंडलर, ओसोगेंड समेत कई तरह के हैं. स्वीट चाली कटिहार के लिए उपयुक्त है. यह मीठा और जल्द फलन शुरू हो जाता है. कई तरह के फफूंद से लड़ने की क्षमता अधिक होती है. फल तोड़ने के बाद छोड़ देने के बाद अपने आप फलते रहता है. बलुई दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिए अच्छी मानी जाती है. खेत का पीएच मान 5 से 6.5 तक अच्छा माना जाता है. बीस से तीस डिग्री तापमान बेहतर इसके लिए बेहतर है.
शाखा के नीचे फल होने के कारण स्टॉल लगाया जाता है
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक पंकज कुमार कहते हैं कि इस फल के शाखा के नीचे फल अच्छा हो इसको लेकर स्टॉल यानी पुआल लगाया जाता है. इसलिए इसको स्ट्रॉबेरी कहा जाता है. प्रयोग के तौर पर कुछ किसानों के यहां खेती जायेगी. फसल ठीक-ठाक हो तो अच्छा मुनफा हो सकता है. एक एकड़ में ढाई से तीन लाख मुनाफा कमाया जाता है. किसानों को उपर उठे क्यारी में लगाना चाहिए. क्यारी की चौड़ाई एक सौ पांच से एक सौ दस सेंटीमीटर व ऊंचाई 25 सेंटीमीटर रखा जाता है. स्वीट चाली कटिहार के उपयुक्त है. यह मीठा होता है और फलन शुरू हो जाता है. कई तरह के फंफूंद से लड़ने की क्षमता अधिक होती है.
विभाग को तीन हेक्टेयर में खेती का है लक्ष्य
कटिहार जिले में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए स्ट्रॉबेरी खेती के लिए तीन हेक्टेयर का लक्ष्य दिया गया है. किसानों को इसमें अनुदान की व्यवस्था है. समय पर इसकी खेती हो इसको लेकर कार्य प्रगति पर है. फसल ठीक-ठाक हो जाने पर किसानों को इससे अच्छा मुनफा हो सकता है. एक एकड़ ढाई से तीन लाख रुपये मुनाफा कमाया जा सकता है.
मधुप्रिया, सहायक निदेशक उद्यान, कटिहारडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है