अमदाबाद. गंगा व महानंदा नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है. गंगा एवं महानंदा नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव के कारण बाढ़ पीड़ित परिवारों की परेशानी कम होने की नाम नहीं ले रही है. प्रखंड के आधा दर्जन से अधिक पंचायत के दर्जनों परिवार बाढ़ से प्रभावित होकर घर द्वार छोड़कर पलायन कर गये हैं. बाढ़ प्रभावित मवेशी पलकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मवेशी पलकों को चारा जुटाने में मुश्किल हो रही है. इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित लोगों को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में अधिक दिनों से पानी जमे रहने के कारण लोग बीमार भी पड़ने लगे हैं. लोगों की कई तरह की संक्रमित बीमारी का भय सताने लगा है. प्रखंड के भोलामारी, बाखरगंज, पश्चिम टोला, गोविंदपुर, दुर्गापुर, नारायणपुर सहित विभिन्न गांव में बाढ़ का पानी जमा हुआ है. बाढ़ के पानी जमे रहने के कारण खरपतवार के सड़न से दुर्गंध होने लगा है. जिस वजह से लोग संक्रमित रोग से ग्रसित होने लगे हैं. बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच सरकारी सहायता नहीं पहुंचने से लोगों में नाराजगी भी है. दुर्गापुर पंचायत के रामदास, विश्वनाथ सिंह, मनोज मंडल, नगर पंचायत अमदाबाद के भोलामारी, मुरली राम टोला के सागर मंडल, तेजू मंडल, शेख सामू, मुस्लेउद्दीन, रहमत अली इत्यादि ग्रामीणों ने बताया कि प्रखंड एवं नगर पंचायत के विभिन्न गांव में बाढ़ का पानी फैलने से लगभग एक पखवाड़ा से अधिक समय बीत गया है. इसके बावजूद भी सरकार के ओर से किसी तरह की सहायता उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. मवेशियों का चारा नहीं मिल रहा है. लोगों का रोजगार मिलना बंद हो गया है. प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ का पानी जमे रहने से शुद्ध पेयजल की घोर समस्या उत्पन्न हो गई है. इस दिशा में जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय प्रशासन के ओर किसी तरह की राहत पहुंचाने के लिए ठोस पहल नहीं की जा रही है.
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