बाढ़ के बीच बारिश के दोहरी मार झेलने को विवश हैं बाढ़ पीड़ित
बाढ़ आपदा संकट से प्रखंड क्षेत्र का जनमानस कर रहा त्राहिमाम
कुरसेला. बाढ़ आपदा संकट से प्रखंड क्षेत्र का जनमानस त्राहिमाम कर उठा है. तीन दिनों से जारी बारिश ने बाढ़ पीड़ितों के कठिनाइयों को दोगुणी कर दिया है. उंचे जगहों पर बाढ़ विस्थापितों को तेज हवा बारिश में तम्बुओं में शरण लेना मुश्किल कर दिया है. कुरसेला रेल स्टेशन के माल गोदाम परिसर में तम्बू बना कर शरण लेने वाले को बारिश से रक्षा के लिए बुधवार को प्लास्टिक तक नहीं मिला था. राहत सहायता के नाम पर सामुदायिक किचन से बाढ़ पीड़ितों को दो वक्त के भोजन की व्यवस्था की गयी थी. प्रखंड क्षेत्र के बाढ़ पीड़ितों के समक्ष परेशानियां कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है. बाढ़ पीड़ित आपदा के संकट काल में समुचित सरकारी राहत सहायता की आस लगायें बैठे हैं. राहत सहायता कार्य का गति धीमा बना हुआ है. जानकारी अनुसार प्रखंड क्षेत्र के बाढ़ प्रभावितों के बीच सूखा राशन का वितरण नहीं किया गया है. पशुचारा के अभाव पशुपालकों के समक्ष पशुओं का जीवन रक्षा करना कठिन हो रहा है. अनेकों विद्यालयों में बाढ़ प्रवेश करने से पठन पाठन बाधित हो गया है. कोसी, गंगा के जलस्तर में नरमी आने के बावजूद लोगों को बाढ़ संकट से राहत नहीं मिल पाया है. क्षेत्र का अधिकांश भूभाग जलप्लावित हो चुका है. जानकारी अनुसार कटरिया गांव स्थित बांध में बाढ़ और बारिश के पानी से क्षरण हो गया है. विभागीय स्तर पर तटबंध का सुरक्षा कार्य किया जा रहा है. घुरना बल्थी महेशपुर सड़क सह तटबंध पर बाढ़ का लगातार दबाब बढ़ता जा रहा है. बारिश के पानी से सड़क सह तटबंध के की स्थानों पर क्षरण की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. इसी तरह मधेली के बारह नम्बर ठोकर सहित दुसरे ठोकर पर गंगा नदी का लगातार दबाब बढ़ रहा है. मधेली बांध को बाढ़ और बारिश से क्षरण सुरक्षा का कार्य किया जा रहा है. उधर, गंगा पार गोबराही, जरलाही, बटेशपुर दियारा क्षेत्र का गांवों के बाढ़ पीड़ितों का हालात दयनीय बना हुआ है. गंगा पार होने की वजह से दियारा के गांवों में राहत सहायता कम पहुंच रहा है. जिससे दियारा के बाढ़ पीड़ित दुखदायी हालातों में जीवन बिताने को विवश बना हुआ है.
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