डेढ़ दर्जन विद्यालयों में घुसा बाढ़ का पानी, पढ़ाई ठप
प्रखंड के डेढ़ दर्जन से अधिक विद्यालयों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने के कारण पठन-पाठन कार्य बाधित हो गया है.
अमदाबाद. प्रखंड के डेढ़ दर्जन से अधिक विद्यालयों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने के कारण पठन-पाठन कार्य बाधित हो गया है. इस संदर्भ में जानकारी देते हुए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार झा ने बताया कि 20 विद्यालयों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. उक्त सभी विद्यालयों में पठन-पाठन कार्य बंद है. उन्होंने बताया कि करीब 4000 से अधिक छात्राओं की शिक्षण कार्य प्रभावित हुई है. उत्क्रमित मध्य विद्यालय पहाड़पुर, प्राथमिक विद्यालय गांधी टोला काला दियारा, उत्क्रमित मध्य विद्यालय पार दियारा कीर्ति टोला, उत्क्रमित मध्य विद्यालय मेघू टोला, उत्क्रमित मध्य विद्यालय घेरा गांव, उत्क्रमित मध्य विद्यालय त्रिमुहानी, प्राथमिक विद्यालय बलुआ, उत्क्रमित मध्य विद्यालय भोलामारी, मध्य विद्यालय नवरसिया, मध्य विद्यालय झब्बू टोला, प्राथमिक विद्यालय हरदेव टोला, प्राथमिक विद्यालय रघुनाथपुर, प्राथमिक विद्यालय केवाला, प्राथमिक विद्यालय मड़वा, प्राथमिक विद्यालय बथना उत्तर भाग, प्राथमिक विद्यालय बांध टोला बैद्यनाथपुर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय चामा, प्राथमिक विद्यालय हरिजन, प्राथमिक विद्यालय बगुलागढ़, प्राथमिक विद्यालय सब्जी टोला, प्राथमिक विद्यालय डुमरिया सहित कुल 20 विद्यालयों में बाढ़ का पानी प्रवेश किया है. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों को दूसरे विद्यालयों में शिफ्ट किया गया है. वर्तमान समय में चल रही परीक्षा में भी कई विद्यालय में शिक्षक प्रतिनियुक्त किए गए हैं.
24 घंटे में महानंदा नदी के जलस्तर में 181 सेंटीमीटर की वृद्धि
कटिहार. जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. साथ ही महानंदा नदी के जलस्तर में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भी अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गयी है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल की रिपोर्ट के महानंदा नदी का जलस्तर झौआ गुरुवार को दोपहर 12.00 बजे 2812 सेंटीमीटर दर्ज किया गया था. जबकि 24 घंटे बाद यानी शुक्रवार को दोपहर 12 बजे यहां का जलस्तर बढ़ कर 2993 सेंटीमीटर हो गया है. यानी पिछले 24 घंटे में महानंदा नदी का जलस्तर झौआ में 181 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है. लगातार हो रही बारिश व महानंदा नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि से तटबंध के भीतर के गांव के लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. दूसरी तरफ गुरुवार को लगातार तीसरे दिन भी गंगा, कोसी, बरंडी व कारी कोसी नदी के जलस्तर कमी दर्ज की गयी है. इस बीच बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल से मिली रिपोर्ट के मुताबिक महानंदा नदी का जलस्तर झौआ में 29.50 मीटर दर्ज किया गया है. दोपहर में यहां का जलस्तर बढ़कर 29.93 मीटर हो गया. इसी नदी के बहरखाल में 29.65 मीटर था, जो बढ़कर 29.90 मीटर हो गया. कुर्सेल में शुक्रवार की सुबह जलस्तर 29.55 मीटर था, जो छह घंटे बाद दोपहर में यहां का जलस्तर बढ़कर 29.95 मीटर हो गया. इसी नदी के दुर्गापुर में जलस्तर 27.05 मीटर था, जो छह घंटे बाद बढ़कर 27.25 मीटर हो गया है. गोविंदपुर में इस नदी का जलस्तर शुक्रवार की सुबह में 27.55 मीटर था. इसी दिन दोपहर में यहां का जलस्तर घटकर 27.70 मीटर हो गया है. इस नदी का जलस्तर आजमनगर व धबोल में बढ़ रही है. आजमनगर में इस नदी का जलस्तर 28.36 मीटर रहा है. शुक्रवार की दोपहर में यहां का जलस्तर बढ़कर 28.66 हो गया है. धबौल में इस नदी का जलस्तर 28.93 मीटर दर्ज किया गया है. यहां का जलस्तर छह घंटे के बाद दोपहर में बढ़कर 28.23 मीटर हो गया है.इन नदियों के जलस्तर में तीसरे दिन भी रही कमी
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल से मिली रिपोर्ट के मुताबिक गंगा नदी का जलस्तर रामायणपुर में शुक्रवार की सुबह में 27.72 मीटर दर्ज किया गया. दोपहर में यहां का जलस्तर घटकर 27.69 मीटर हो गया है. इसी नदी के काढ़ागोला घाट पर सुबह में जलस्तर 30.78 मीटर दर्ज किया गया है. जबकि दोपहर में यहां का जलस्तर घटकर 30.74 मीटर हो गया है. कोसी नदी के कुरसेला रेलवे ब्रिज पर शुक्रवार की सुबह जलस्तर 30.86 मीटर दर्ज की गयी. दोपहर में यहां का जलस्तर घटकर 30.80 मीटर हो गया है. बरंडी नदी का जलस्तर एनएच 31 डूमर के पास शुक्रवार की सुबह में 31.65 मीटर था. इसी दिन दोपहर में यहां का जलस्तर घटकर 31.61 मीटर हो गया है. जबकि कारी कोसी नदी का जलस्तर चेन संख्या 389 पर शुक्रवार की सुबह में 28.68 मीटर था. दोपहर में यहां का जलस्तर घटकर 28.64 मीटर ही रहा.चार प्रभावित प्रखंडों में खोले गये 133 सामुदायिक किचेन
कटिहार. जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य को लेकर जिला प्रशासन की ओर से पहल की जा रही है. शुक्रवार की शाम को जिला प्रशासन ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा है कि बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में सामुदायिक रसोई एवं अन्य जरूरी व्यवस्था की गयी है. जिला प्रशासन की रिपोर्ट में कहा गया है कि गंगा नदी के जलस्तर में हुई वृद्धि प्रवृत्ति के परिणामस्वरूप निकटवर्ती अंचल यथा कुरसेला, बरारी, अमदाबाद, मनिहारी (वृहद रूप से) तथा मनसाही, फलका, प्राणपुर (आंशिक रूप से) के कुल 41 पंचायत एवं तीन नगर पंचायत बाढ़ग्रस्त हुए है. जिसमें लगभग 1.42 लाख की आबादी प्रभावित हुई है. बाढ़ की स्थिति से सुरक्षा व बचाव एवं इससे निबटने के लिए जिला प्रशासन की टीम लगी हुई है. जिला प्रशासन की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में कुल 133 सामुदायिक रसोई संचालित की जा रही है. जिसमें कुरसेला में 44, बरारी में 31, अमदाबाद में 39,ल व मनिहारी में 19 सामुदायिक रसोई संचालित है. इन रसोईयों में लगभग 1,55,081 लोगों (सुबह – शाम ) भोजन कराया जा चुका है. बरारी अंचल अन्तर्गत बकिया सुखाय पंचायत में खाद्यान्नों की आपूर्ति नाव के माध्यम से की गयी है. रिपोर्ट के अनुसार बाढ़ पीड़ितों के बीच अबतक कुल 29059 पॉलीथीन शीट्स वितरित किया जा चुका है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़ित व्यक्तियों एवं पशुओं के सुरक्षित निष्क्रमण के लिए सुरक्षा मानकों के अनुरूप वर्तमान में कुल 81 नावों का परिचालन किया जा रहा है. प्रभावित क्षेत्रों में पशु शिविर लगाकर पशुओं का उपचार कराया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है