बीमार हुए सभी बच्चों को सीएचसी में कराया गया इलाज कोढ़ा कोढ़ा थाना क्षेत्र के बासगाढ़ा पंचायत में रेड़ी पर बिक रही आइसक्रीम खाने से शुक्रवार को आधा दर्जन से अधिक बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गयी. बच्चों को तत्काल कोढ़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने इलाज के बाद उनकी हालत सामान्य बतायी है. फुलडोभी निवासी चंदन जो रेड़ी पर टॉफी और आइसक्रीम बेचता है. बासगाढ़ा पंचायत में अपनी रेड़ी लेकर पहुंचा. बच्चों ने आइसक्रीम खरीदी और खाने के कुछ ही मिनट बाद उनकी हालत बिगड़ने लगी. कुछ बच्चों का मुंह बंद होने लगा, तीन बच्चों की हालत गंभीर हो गयी. जिसके बाद बच्चों के अभिभावकों में बैचेनी बढ़ गयी. सभी को तुरंत अस्पताल में भरती कराया गया. आइसक्रीम खाने से से बच्चे हुए बीमार बीमार बच्चों की उम्र 3 से 12 वर्ष के बीच बतायी जा रही है. अनुष्का कुमारी 3 वर्ष, पिता रंजीत मेहता, इमरान 10 वर्ष पिता नईम, शहनवाज 3 वर्ष पिता नईम, सत्यम कुमार 6 वर्ष पिता कुंदन राम, आशीष कुमार 12 वर्ष पिता मनोज राम, सुबो कुमारी 10 वर्ष, सोनम कुमारी 7 वर्ष व इसके अलावा भी कुछ अन्य बच्चों की तबीयत खराब हुई थी. लेकिन उनका नाम स्पष्ट नहीं हो सका है. अस्पताल में बच्चों का कराया गया इलाज बच्चों की बिगड़ती हालत को देखकर उनके परिजन घबरा गये. तुरंत उन्हें कोढ़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. वहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार किया और कुछ देर बाद उनकी स्थिति सामान्य बतायी गयी. डॉक्टरों के अनुसार, बच्चों ने जो आइसक्रीम खाई थी. मिलावट या खराब सामग्री हो सकती है. फूड पॉइजनिंग जैसे लक्षण दिखे. स्थानीय प्रशासन से जांच की मांग घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है. ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि सड़क किनारे बिकने वाले खाद्य पदार्थों की जांच की जाय और मिलावटी या खराब सामान बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो. प्रशासनिक अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि मामले की जांच की जायेगी और आइसक्रीम के सैंपल लेकर लैब में जांच के लिए भेजे जायेंगे. यदि इसमें किसी भी तरह की मिलावट पायी जाती है, तो दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. बच्चों की सेहत पर ध्यान देने की जरूरत यह घटना एक बार फिर सड़क किनारे बिकने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करती है. खासकर गर्मी के मौसम में खराब आइसक्रीम या अन्य खाद्य पदार्थ खाने से बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. अभिभावकों को सतर्क रहने की जरूरत है. बच्चों को अनजान या अस्वच्छ स्थानों से खाद्य पदार्थ खरीदने से रोकना चाहिए.
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